नैनीताल: फर्जी पाए गए दस्तावेज, 57 शिक्षकों को किया सस्पेंड

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Nainital News: उत्तराखंड में 57 शिक्षकों को हाईकोर्ट ने सस्पेंड किया है जो नकली दस्तावेज बनाकर शिक्षक की नौकरी पा चुके थे। बुधवार को उत्तराखंड हाइकोर्ट ने प्राइमरी और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने वाले करीब साढ़े तीन हजार शिक्षकों की नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि दो महीने के भीतर सभी शिक्षकों के दस्तावेजों का निरीक्षण करके रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें।

मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि अभी तक प्रदेश के 75 प्रतिशत शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों का निरीक्षण किया जा चुका है और इनमें से कुछ लोगों के शैक्षणिक दस्तावेज अवैध पाए गए हैं जिनकी याचिकाएं हाई कोर्ट में लंबित हैं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश देकर कहा है कि दो माह के भीतर सभी शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों का मूल्यांकन कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे और इस तरह के कितने केस कोर्ट में अभी दायर हैं। उनकी भी लिस्ट बनाकर कोर्ट को सौपें। साथ ही यह भी बतायें कि आपने अभी तक शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच कर ली है। राज्य सरकार की तरफ से सुनवाई में कहा गया कि उन्होंने अभी तक 33 हजार शिक्षकों में से बड़ी संख्या में शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच पूरी कर ली है और बाकी शेष शिक्षकों की जांच की प्रक्रिया अभी जारी है। इसपर कोर्ट ने कहा कि यह मामला अति गम्भीर है, इसलिए जो जांच विचाराधीन है उन्हें अतिशीघ्र पूरा किया जाए। सरकार ने कोर्ट में यह तथ्य भी रखा कि 33 हजार शिक्षकों में से 69 शिक्षकों के फर्जी फस्तावेज पाए गए हैं जिनमें से 57 शिक्षकों को सरकार ने निलंबित कर दिया है।

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राज्य सरकार की तरफ से सुनवाई में कहा गया कि उन्होंने अभी तक 33 हजार शिक्षकों में से बड़ी संख्या में शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच पूरी कर ली है और बाकी शेष शिक्षकों की जांच की प्रक्रिया अभी जारी है। फर्जी दस्तावेज के आधार पर नियुक्ति पाने की जनहित याचिका स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी द्वारा दायर की गई थी। इन्होने उसमें कहा था कि राज्य के प्राइमरी और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार अध्यापक जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी तरीके से नियुक्त किए गए हैं। फिर इनमें कुछ अध्यापकों की एसआईटी जांच की गई जिसमें तीन अध्यापक फर्जी पाए गए लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इनको क्लीन चिट मिल गई और ये और ये अभी भी सेवा में कार्यरत हैं। एसआईटी जांच में अभी तक 84 अध्यापक जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी पाए गए हैं उन पर विभागीय कार्रवाई चल रही है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।