GK HINDI 2024: डिंगल शैली का प्रयोग किसमें मिलता हैं ?

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  1. सिद्धों का सम्बन्ध किससे हैं ?
    (अ) बौद्धमत ✔️     (ब) नाथपंथ
    (स) जैनमत             (द) शैवमत
  2. बौद्धमत की महायान शाखा के साधना पक्ष में किस प्रमुख तत्व के प्रवेश से ’वज्रयान’ का उदय हुआ ?
    (अ) मैथुन           (ब) हठयोग
    (स) मूर्ति पूजा      (द) तांत्रिक साधना✔️
  3. सिद्धमत में ’पाँच मकार’ कौनसे हैं ?
    (अ) मद्य, मोहिनी, मत्स्य, महाकाल, मुद्रा
    (ब) मद्य, मांस, मत्स्य, मैथुन, मुद्रा ✔️
    (स) मद्य, मांस, मत्स्य, महाकाल, मुद्रा
    (द) इनमें से कोई नहीं
  4. सहजयान को वज्रयान की कौनसी अवस्था माना गया हैं ?
    (अ) पूर्व अवस्था         (ब) मध्य अवस्था
    (स) सिद्धावस्था ✔️    (द) अपूर्ण अवस्था
  5. ’चर्यापद’ का सम्बन्ध किससे हैं ?
    (अ) सिद्धमत ✔️     (ब) नाथपंथ
    (स) रासो साहित्य     (द) जैनमत
  6. डिंगल शैली का प्रयोग किसमें मिलता हैं ?
    (अ) सिद्ध साहित्य       (ब) जैन साहित्य
    (स) रासो साहित्य ✔️   (द) लौकिक साहित्य
  7. ’गुह्यसमाज’ या ’श्रीसमाज’ का सम्बन्ध किससे हैं ?
    (अ) सहजयान       (ब) वज्रयान ✔️
    (स) हीनयान          (द) महायान
  8. सिद्धों की तांत्रिक साधना में सहयोग स्त्री को क्या कहा जाता था ?
    (अ) डोमिनी        (ब) भैरवी
    (स) महामुद्रा       (द) उपर्युक्त सभी ✔️
  9. सिद्धों की बानियों की भाषा को क्या कहा जाता हैं ?
    (अ) सन्ध्या भाषा ✔️ (ब) खिचङी भाषा
    (स) कूट भाषा           (द) रहस्य भाषा
  10. सिद्ध साधना में ’डोमिनी’ या ’भैरवी’ का अर्थ हैं ?
    (अ) हठयोग की एक मुद्रा
    (ब) चर्यापद का विशेष गीत
    (स) वामाचार में सहयोगी प्रायः नीच जाति की स्त्री ✔️
    (द) तांत्रिक साधना
  11. निम्नलिखित में सिद्ध साहित्य की कौनसी विशेषता नहीं हैं ?
    (अ) गुरु महिमा✔️     (ब) नारी का निषेध
    (स) योग साधना        (द) तन्त्र सिद्धि
  12. गोरखनाथ के गुरु कौन थे ?
    (अ) चैरंगीनाथ          (ब) आदिनाथ
    (स) मत्स्येन्द्रनाथ✔️  (द) चर्पटीनाथ

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।