उत्तराखंडः अब यहां महिला पर बाघ का हमला, बाघ से भिड़ी दो शेरनियों ने बचाई गीता की जान…
Uttarakhand News: पहाड़ों में इन दिनों बाघ और गुलदार का आंतक छाया हुआ है। वहीं हल्द्वानी में भी गुलदार की दहशत दिखी है। पिछले दिनों भीमताल ब्लॉक में महिलाओं को शिकार बनाने वाला गुलदार आखिरकार वन विभाग के जाल में फंस तो गया, लेकिन उधर चंपावत जिले के टनकपुर में घास लेने जंगल गई एक महिला पर बाघ ने हमला कर दिया। हमले में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। इस दौरान उसके साथ गई महिलाओं के शोर मचाने और पत्थर से हमला करने के बाद बाघ जंगल में भाग गया। इसके बाद ग्रामीणों ने महिला को अस्पताल पहुंचाया, जहां उनके सिर पर 21 टांके आए। महिला को सीटी स्कैन के लिए हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया गया है। अगला पैरा पढ़े…
जानकारी के अनुसार आज सुबह ऊचौलीगोठ गांव की गीता देवी उम्र 36 वर्ष पत्नी रमेश सिंह अपनी दो महिला साथी जानकी देवी उम्र 36 वर्ष और पार्वती देवी उम्र 37 वर्ष के साथ घास लेने के लिए बूम रेंज के जंगल में गई थीं। तभी अचानक बाघ ने गीता देवी पर हमला कर दिया। इस दौरान शोर सुनने के बाद जानकी और पार्वती मौके की ओर दौड़ी और हिम्मत कर बाघ पर लकड़ी-पत्थर बरसाने शुरू कर दिये। इससे बाघ पीछे हट गया, लेकिन फिर कुछ ही देर बाद उसने महिला पर दोबारा हमला किया और करीब चार मीटर तक गीता देवी को घसीटता हुआ ले गया। अगला पैरा पढ़े…
इस दौरान दोनों ने मां पूर्णागिरी का नाम लिया और बाघ के ऊपर पत्थर और लकड़ियों से प्रहार किया, जिसके बाद बाघ ने गीता को छोड़ा और जंगल की ओर भाग गया। दोनों महिलाएं किसी तरह गीता देवी को जंगल से बाहर सड़क तक लाईं। इसके बाद सूचना गांव तक दी गई। सूचना पर पहुंचे ग्रामीणों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सकों ने बताया कि बाघ के पंजा मारने से महिला के सिर पर कई घाव बने हैं। उनके सिर पर 21 टांके आए हैं। इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार है।