हल्द्वानीः मुंबई से लौटी पहाड़ की बेटी लेखा, हल्द्वानी में खोला अगला स्टेशन जोशी वड़ा पाव रेस्ट्रो…

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Haldwani News: अगर समय था जब पहाड़ की बेटियां पहाड़ तक ही सीमित रहती थी, लेकिन अब पहाड़ की बेटियां आज हर क्षेत्र में आगे है। कहते है ना समय के हिसाब से सबकुछ बदलता है, ऐसा ही पहाड़ की बेटियों ने भी किया आज बेटियां खेल जगत से लेकर बालीवुड और सेना से लेकर बिजनेस तक में आगे बढ़ी है। अब मूलरूप से पहाड़ की रहने वाली लेखा जोशी ने मुंबई से लौटकर हल्द्वानी में स्वरोजगार की ओर कदम रखा। उनके स्वरोजगार पर पंख लग गये। उन्होंने हल्द्वानी में अगला स्टेशन जोशी वड़ा पाव के नाम से एक रेस्ट्रो की शुरूआत की। फिर क्या था हल्द्वानी के युवाओं को उनका मुंबई वाला वड़ा पाव भा गया। जिसके बाद लेखा का वड़ा पाव हल्द्वानी शहर में छा गया। आइये जानते है उनकी रेस्ट्रो चलाने की पूरी कहानी…

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लेखा जोशी बताती है कि वह मूलरूप से बागेश्वर जिले के कपकोट की निवासी है, लेकिन उनका जन्म मुंबई में हुआ है। उनके पिता मुंबई में काम करते थे, जिसके बाद उन्होंने मुंबई में ही वड़ा पाव का रेस्ट्रो वर्ष 2016 में शुरू किया। उनके काम को मुंबई में पहचान मिली तो इस बीच कोरोना ने दस्तक दी। जिसके बाद उन्होंने वर्ष 2020 में रेस्ट्रो का संचालन बंद कर दिया। ऐसी में बेटी ने अपने माता-पिता के सपनों पर पंख लगाने का मन बनाया जो सही साबित हुआ। अगला पैरा पढ़े…

लेखा जोशी बताती है कि बचपन से ही पहाड़ के प्रति लगाव उन्हें पहाड़ की ओर खींच लाया और वह हल्द्वानी पहुंच गई। हल्द्वानी शहर की पूरी जानकारी लेने के बाद यहां लेखा ने अपने दोस्त शिवम जोशी के साथ मिलकर नवंबर 2023 में अगला स्टेशन जोशी वड़ा पाव नाम से रेस्ट्रो शुरूआत की। फिर क्या था यहां के लोगों को गला स्टेशन जोशी वड़ा पाव का स्वाद पसंद आ गया। अगला पैरा पढ़े…

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लेखा जोशी और शिवम जोशी ने भोटिया पड़ाव निकट पानी की टंकी के पास नंवबर 2023 में अगला स्टेशन जोशी वड़ा पाव नाम से रेस्ट्रो शुरू कर दिया। लेखा जोशी बताती है कि वड़ा पाव को आलू और बेसन से बनाया जाता है और इसके बीच में हरी मिर्च और स्पेशल चटनी रखी जाती है। उनके यहां दाबेली और वड़ा पाव लोगों की पहली पसंद बना हुआ है। इसके अलावा उनके यहां अन्य डिस भी तैयार की जाती है। वड़ा पाव के साथ यहां दाबेली, कांदा भज्जी और पाव भाजी का बेहतरीन स्वाद मिलेगा। इसके स्वाद के लिए युवा दूर-दूर से उनके पास पहुंच रहे है। लेखा जोशी ने बताती है कि पहाड़ में रहकर काम करना उनका सपना था इसी वजह से आज यह मुमकिन हो पाया है। हालांकि यह काम मुश्किल जरूर था क्योंकि हल्द्वानी को महाराष्ट्र का स्वाद पसंद आएगा, उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था, लेकिन हल्द्वानी के लोगों से उन्हें अच्छा रिपोंस मिला है। अगर आप भी अगला स्टेशन जोशी वड़ा पाव का स्वाद लेना चाहते है तो आप दो नहरिया सड़क पानी की टंकी के पास जाकर आनंद ले सकते है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।