Dhanteras 2024: धनतेरस में क्या खरीदना होता है शुभ, जानिए शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2024 Date : धनतेरस का त्योहार विशेष रूप से धन, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए मनाया जाता है। इस दिन सोने, चांदी और अन्य बहुमूल्य धातुओं की चीजें खरीदने की परंपरा के पीछे धार्मिक और आध्यात्मिक कारण हैं। यहां कुछ मुख्य वजहें दी गई हैं कि क्यों लोग धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदते हैं:
1. धन की देवी लक्ष्मी की कृपा
- धार्मिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं। उन्हें धन की देवी माना जाता है, और इस दिन उनकी विशेष पूजा की जाती है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन सोना, चांदी और अन्य धातुएँ खरीदने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और घर में समृद्धि बनी रहती है।
2. कुबेर देव की पूजा
- कुबेर को धन के देवता कहा जाता है, और धनतेरस के दिन उनकी पूजा भी की जाती है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए सोने-चांदी जैसी चीजों को खरीदना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि और आर्थिक स्थिरता आती है।
3. भगवान धन्वंतरि का प्रकट होना
- धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे, जिन्हें स्वास्थ्य और आरोग्य का देवता माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन नए बर्तन और धातु खरीदने से सेहत अच्छी रहती है और परिवार में समृद्धि का वास होता है।
4. धातु खरीदने की परंपरा
- इस दिन विशेष रूप से धातु खरीदने की परंपरा है, चाहे वह सोना, चांदी, बर्तन या फिर लोहे की वस्तुएं हों। ऐसा कहा जाता है कि धातु के समानांतर इसे खरीदने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इसीलिए, लोग अपने घरों में धन और धातुओं को शुभ मानकर लाते हैं।
5. समृद्धि का प्रतीक
- सोना और चांदी को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ये धातुएँ स्थायित्व और मूल्य के प्रतीक हैं, जो परिवार के सुख और सुरक्षा की भावना को मजबूत करती हैं। इसे धनतेरस के दिन खरीदना शुभ और स्थायी समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
6. नया निवेश और संपत्ति में वृद्धि
- धनतेरस पर नई संपत्ति और निवेश की शुरुआत करना भी शुभ माना जाता है। कई लोग इस दिन सोने, चांदी, प्रॉपर्टी, और गाड़ियों में निवेश करते हैं ताकि उनका आर्थिक भविष्य उज्ज्वल और सुरक्षित बना रहे।
इस साल धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से प्रारंभ होकर 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 बजे तक रहेगी। इस दौरान, धनतेरस पर पूजन के लिए सबसे शुभ समय प्रदोष काल होता है, जो शाम 5:38 बजे से रात 8:13 बजे तक है। इस समय में देवी लक्ष्मी, कुबेर देव और भगवान धन्वंतरि की विधिपूर्वक पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
धनतेरस पर प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इसके साथ ही, लोग इस समय में नए बर्तन, आभूषण या धातु की वस्तुएं खरीदकर अपने घर में लाते हैं, ताकि मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहे और घर में समृद्धि और सौभाग्य का वास हो।
धनतेरस 2024 पर सोना और चांदी खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर सुबह 10:31 बजे से लेकर 30 अक्टूबर सुबह 6:32 बजे तक है। इस अवधि में सोने, चांदी और अन्य धातुओं की खरीददारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन इन वस्तुओं को घर में लाने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार में समृद्धि बनी रहती है।
प्रदोष काल में, जो संध्या के समय (5:38 बजे से 8:13 बजे तक) होता है, विशेष रूप से देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने का विधान है। इस समय पर की गई पूजा और खरीददारी से घर में सकारात्मक ऊर्जा और धन-संपदा का संचार होता है।







