उत्तराखंडः सीएम धामी को भी भायी फ्रांस से लौटै पहाड़ के नीरज की पहल, ऐसे लगाये स्वरोगार पर पंख…

खबर शेयर करें

Champawat News: पहाड़ के युवा लगातार स्वरोगार की ओर कदम बढ़ा रहे है। ऐसे में सरकार ने भी स्वरोजगार को लेकर युवाओं को पूरा सहयोग किया है। इससे पहले लाॅकडाउन में कई युवा पहाड़ लौटे और उन्होंने स्वरोजगार अपनाकर एक नई इबादत लिख दी। अब चंपावत के नीरज ने जो काम किया उसकी तारीफ प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी की। बकायदा उनकी खबर को सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर भी किया। जी हां फ्रांस से उच्च शिक्षा प्राप्त कर उत्तराखंड लौटे चंपावत जिले के नीरज जोशी के काम की चारों ओर तरफ तारीफ हो रही है। उत्तराखंड के इस युवा की पहल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नजरों में भी आई है। मुख्यमंत्री धामी ने अपने फेसबुक और ट्विटर पर नीरज जैसे युवाओं द्वारा स्वरोजगार के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है। आगे पढ़िये पूरी खबर…

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी: खबर पहाड़ को मिला Best Digital Platform of the Year 2025 का सम्मान

बता दें कि पंतनगर विश्वविद्यालय से एमएससी और मोंटपेलियर सुपएग्रो फ्रांस से एमएस की पढ़ाई करने के बाद नीरज जोशी उत्तराखंड लौट आए। उन्होंने उत्तराखंड की मौजूदा परिस्थितियों को समझने के बाद चंपावत जिले के पाटी ब्लॉक के सुदूर करौली गांव में होम स्टे बनाने का फैसला लिया। होम स्टे बनकर तैयार है और पहली आमद विदेशों से हो भी चुकी है। नीरज बताते है कि मेरे काम के बारे में सोशल मीडिया के जरिए जब फ्रांस के दोस्तों को पता चला तो उन्होंने ही कुछ लोगों को मेरे पास भेजा। वो लोग एक समूह में यहां आए। करीब एक हफ्ता उत्तराखंड के अलग -अलग इलाकों में रहने के बाद उन्हें करौली के इस होम स्टे में ठहराया गया। यहां से जाते समय वो लोग बेहद खुश थे। उन्हें पहाड़ों की आबोहवा बहुत पसंद आईं। आगे पढ़िये पूरी खबर…

Ad

नीरज जोशी बताते हैं कि फ्रांस जैसी जगह से पढ़ने के बाद वापस अपने पुश्तैनी गांव लौटकर शून्य से किसी काम की शुरुआत करने का फैसला आसान नहीं था। फ्रांस में रहते हुए रोजगार के कई मौके आए। लाखों की कमाई करने के कई रास्ते सामने थे। लेकिन उत्तराखंड से लगाव पीछा नहीं छोड़ रहा था। ऐसे में वापस भारत आकर कुछ दिन विचार किया। फिर करीब 30 साल पहले पूर्वजों द्वारा बंजर छोड़ दी गई जमीन को आबाद करने का सोचा। होम स्टे एक जरिया भर है। असल में इसके जरिए ग्रामीण उत्तराखंड को रोजगार देना प्राथमिकता है। साथ ही उत्तराखंड के पर्यटन की ख्याति पूरे विश्व में पहुंचे इसकी कोशिश कर रहे हैं। आगे पढ़िये पूरी खबर…

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंडः अंबाला की दो बच्चों की मां संग हरियाणा के प्रेमी कर दी ऐसी हरकत, पढ़िए पूरी खबर

नीरज कहते हैं कि कृषि से जुड़ी उनकी पढ़ाई इस काम को आगे बढ़ाने में बहुत काम आ रही है। वो यहां के किसानों की आय बढ़ाने के लिए स्मार्ट एग्रीकल्चर, मिक्स एग्रीकल्चर, औषधियों की खेती से संबंधी जानकारी ग्रामीणों से साझा करते हैं और उन्हें परंपरागत खेती के अलावा नए प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। बता दें कि चंपावत जिले के करौली में करीब तीन साल पहले ही सड़क पहुंच पाई है लेकिन डामरीकरण होना भी बाकी है। ऐसे में मुख्यमंत्री की नजर इस युवा की पहल पर पड़ना स्वरोजगार के लिए प्रयास कर रहे युवा उत्तराखंडियों के लिए शुभ संकेत जरूर है। नीरज के इस काम की तारीफ पूरे उत्तराखंड में हो रही है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।