हिमालय दिवस: CM धामी ने किया अन्तरराष्ट्रीय साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल के पोस्टर का विमोचन

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Uttarakhand News: आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस के अवसर पर मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय के सरोकारों से जुड़े विषयों के लिए महानिदेशक यूकॉस्ट दुर्गेश पंत के संयोजन में एक कमेटी बनाई जायेगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूकॉस्ट द्वारा आयोजित की जाने वाली राज्य स्तरीय पांचवें देहरादून, अन्तरराष्ट्रीय साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल के पोस्टर का विमोचन किया। यह महोत्सव 06 जनपदों देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ स्थित इंजीनियरिंग कॉलेजों में किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने सभी को हिमालय दिवस की शुभकामनाएं दी और हिमालय के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रहे लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य में हर वर्ष 02 सितम्बर को बुग्याल संरक्षण दिवस मनाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है। देहरादून में भी इस वर्ष तापमान में काफी वृद्धि हुई। तेज गति से बढ़ता तापमान भविष्य के लिए चिंताजनक है। हमें हिमालय, जल और जंगल के संरक्षण की दिशा में मिलकर प्रयास करने होंगे, हमें सोचना होगा कि भावी पीढ़ी को विरासत में क्या देकर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने तमाम आपदाएं देश-दुनिया मे देखी हैं। इस बार भी हमारे प्रदेश में कई जगह आपदा आई। पिछले साल हमने आपदाओं पर वर्ल्ड कांग्रेस का आयोजन भी किया। 29 नवंबर 2023 को यह आयोजन हुआ था और उसी दिन सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था।

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उन्होंने कहा कि जब 17 दिन तक रेस्क्यू चल रहा था तो बहुत बार लगता था कि आज ब्रेक थ्रू होगा लेकिन कुछ न कुछ अड़चन आती रही। उस समय हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहयोग से दुनिया भर की तकनीक मिली और आखिरकार हम सभी को सकुशल बाहर निकालने में सफल रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय के महत्व को हमें नई तरह से समझने की जरूरत है। जल स्रोतों और नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में सरकार द्वारा निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। इसके लिए स्प्रिंग एण्ड रिवर रिज्यूवनेशन अथॉरिटी का गठन किया गया है। हिमालय के संरक्षण के लिए भी अनेक कार्य किये जा सकते हैं। हिमालय हमारी अमूल्य धरोहर है, जिसे बचाने की आवश्यकता है।

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उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहाँ जी.ई.पी की शुरूआत की गई है। राज्य में इकोलॉजी व इकोनॉमी में संतुलन बनाकर विकास के कार्य किये जा रहे हैं। सरकार पौधा रोपण, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है, लेकिन इन सब में जन सहभागिता की जरूरत है, तभी हम इन प्रयासों में सफल हो पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में भी उन्होंने हिमालय के लिए अलग से योजना बनाये जाने की बात उठायी है। उत्तराखण्ड की जनसंख्या सवा करोड़ है और व्यवस्था हर साल लगभग 10 करोड़ लोगों के लिए करनी पड़ती है। उत्तराखण्ड के लिए योजना बनाते समय राज्य में आने वाली फ्लोटिंग पोपुलेशन को ध्यान में रखकर योजना बनाने का अनुरोध किया है।

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कार्यक्रम में हेस्को के संस्थापक और पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरी गंभीरता से हिमालय एवं इसके संरक्षण के लिए कई नई पहल की हैं। नीति आयोग की बैठक में भी मुख्यमंत्री ने संपूर्ण हिमालय की समस्या को गंभीरता से उठाया। हिमालय से जुड़े मुद्दों को राजनीतिक क्षेत्र में भी ले जाना होगा। इस अवसर पर विधायक श्री किशोर उपाध्याय, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो दुर्गेश पंत, विधायक सविता कपूर, विधायक उमेश शर्मा काऊ, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, प्रमुख वन संरक्षक डा. धनंजय मोहन, इसरो देहरादून के निदेशक आर.पी. सिंह, आई.आई.पी के निदेशक हरेन्द्र बिष्ट एवं विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।