Haldwani: मेयर के लिए महिलाओं में सबसे मजबूत दावेदार है सुमित्रा प्रसाद

खबर शेयर करें

Haldwani News: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट के बाद दावेदारों ने भी अपनी दावेदारी पेश करनी शुरू कर दी है। राज्य के नगर निगमों में इस बार मेयर पद के आरक्षण में बदलाव होगा। कहीं महिला सीट पुरुषों के पास जाएगी, तो कहीं पुरुष सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएगी। इस बार मेयर नगर निगम हल्द्वानी सीट भी महिला के लिए आरक्षित होने की संभावना है। ऐसे में नैनीताल की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व दर्जा राज्यमंत्री सुमित्रा प्रसाद ने भी मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करते हुए अपना आवेदन भाजपा के जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट को दिया है।

सरल स्वभाव और सौम्यता से बनाई पहचान

हल्द्वानी मेयर सीट पर नैनीताल की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व दर्जा राज्यमंत्री सुमित्रा प्रसाद सबसे मजूबत दावेदार के रूप में सामने आयी है। अगर मेयर की सीट महिला के लिए होती है, तो सुमित्रा प्रसाद को उनकी सरल स्वभाव और सौम्यता तथा उनकी वह उनके परिवार की साफ-सुथरी छवि के लिए पार्टी पहली प्रमुखता दे सकती है। इससे पहले अपने जिला पंचायत नैनीताल के अध्यक्ष के पांच साल के कार्यकाल में सुमित्रा प्रसाद को उनकी कार्यों से बड़ी पहचान मिली। शहर में ही नहीं ग्रामीणों क्षेत्रों में भी सुमित्रा प्रसाद ने लोगों के दिलों में अपने काम से बेहतर छवि बनाई। वह वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर रही है। इससे पहले वह कुसुमखेड़ा से जिला-पंचायत सदस्य के चुनाव में भारी मतों से विजयी रही है, जो क्षेत्र अब नगर निगम में शामिल कर लिया गया है। वहीं अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने जनता में ही नहीं बल्कि जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों के दिलों में भी जगह बनाई। ऐसे में सुमित्रा प्रसाद को चुनावी मैदान में उतरने में कोई परेशानी नहीं होगी। क्योंकि उनके पास हर वर्ग में अच्छी पकड़ है।

यह भी पढ़ें 👉  Breaking: अल्मोड़ा में खाई गिरी कार, दो की मौत, एक गंभीररूप से घायल

पारिवारिक पृष्टिभूमि और शिक्षा

वर्तमान में छोटी मुखानी, जज फार्म निवासी सुमित्रा प्रसाद का मायका मूलरूप से गंगोलीहाट, पिथौरागढ़ जिले में है। उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र से मास्टर की डिग्री ली है। उनके पति राकेश प्रसाद जिन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफन्स कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की डिग्री ली है। वह वर्तमान में विकासखंड भीमताल में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पद पर तैनात है। उनका एक बेटा और एक बेटी है। सुमित्रा प्रसाद के ससुर स्व. बिजेन्द्र प्रसाद अविभाजित उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी रह चुके है, जबकि उनके जेठ दूरसंचार विभाग, भारत सरकार के आई.टी.एस. अधिकारी है तथा वर्तमान में प्रधान महाप्रबधंक (कुमांऊ), बी.एस.एन.एल के पद पर हल्द्वानी में तैनात है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड निकाय चुनाव: बागी नेताओं पर बीजेपी की कड़ी कार्रवाई, 139 निष्कासित

परिवार की जिम्मेदारियों को संभालने के साथ ही सुमित्रा प्रसाद ने प्रदेश के सबसे वी.आई.पी जिला नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर रहते अपने शांत, सौम्यता एवं कौशल से राजनीतिक क्षेत्र में अपनी नई पहचान बनाई हैै। तथा किसी भी कार्यक्रम में ठीक समय पहुंचने के लिए हमेशा याद रखी जाती है। ऐसे में उनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। सुमित्रा प्रसाद हमेशा सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी महिलाओं में अच्छी पकड़, जरूरदमंदों की मदद को हमेशा आगे रहने वाली तथा सरल और सौम्य स्वभाव उनकी दावेदारी को और मजूबत करता है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।