उत्तराखंडः दिव्यांगजन सशक्तिकरण में UOU देश में सर्वश्रेष्ठ, राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय पुरस्कार से किया सम्मानित
विश्वविद्यालय को विश्व दिव्यांगजन दिवस पर किया गया सम्मानित
पुरस्कार के लिए देशभर से आये थे कुल 844 आवेदन
उत्त्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय एक मात्र विश्वविद्यालय है जो 2015 से विशिष्ट शिक्षा (विशेष बीएड) का कोर्स कर रहा संचालित
Haldwani News: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय लगातार नये आयामों को छूं रहा है। आये दिन नई-नई उपलिब्धयां विश्वविद्यालय के नाम हो रही है। पढ़ाई के लिए उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय उत्तराखंड ही नहीं बाहरी राज्यों के युवाओं की पहली पसंद बना है। यहां हर साल शिक्षा ग्रहण करने वालों शिक्षार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय को एक और बड़ी उपलिब्ध मिली है। आज अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड मुक्त विश्विद्यायल को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए देश में सर्वश्रेष्ठ संगठन के रूप में राष्ट्रीय पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया। विवि को यह सम्मान देश की राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू द्वारा प्रदान किया गया। देश के सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार की मौजूदगी में राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू के हाथों से यह पुरस्कार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ओपीएस नेगी द्वारा लिया गया।
देश में मिला सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार 2021
इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी ने हर्ष जताते हुए कहा कि इस दिन को विश्वविद्यालय के लिए स्वर्णिम दिवस के रूप में माना जाएगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार 2021 हेतु देश के विभिन्न राज्यों से कुल 844 संस्थानों व संगठनों ने आवेदन किया था उनमें से यूओयू का चयन सर्वश्रेष्ठ संगठन के रूप में होना विश्वविद्यालय के लिए ही नहीं अपितु पूरे राज्य के लिए गौरव की बात है।
विश्वविद्यालय के लिए बड़ी अकादमिक उपलब्धिः कुलपति
प्रो. नेगी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय की एक बहुत बड़ी अकादमिक उपलब्धि है। कहा कि विशिष्ट शिक्षा के इन पाठ्यक्रमों की पूरे देश में बहुत डिमांड है, यही कारण है कि इन पाठ्यक्रमों में देश के कई प्रांतों के छात्र अध्ययनरत हैं। जिनमें से केरल, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मिर, असम, प. बंगाल, उत्तर प्रदेश तथा हिमांचल प्रदेश शामिल हैं। इस अवसर पर उनके साथ विशिष्ट शिक्षा के समन्वयक डॉ सिद्धार्थ पोखरियाल भी मौजूद रहे। राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. रश्मि पन्त, वित्त नियंत्रक आभा गर्खाल तथा सभी शिक्षक एवं कर्मचारियों ने खुशी जाहिर की।
700 विद्यार्थी ले चुके है बीएड की डिग्री
बता दें कि उत्ताखंण्ड मुक्त विश्वविद्यालय को यह पुरस्कार पुनर्वास पेशेवरों के विकास में संलग्न सर्वश्रेष्ठ संगठन के रूप में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया है। पुरस्कार के लिए देशभर के 844 संस्थानों (संगठनों) ने आवेदन किये थे। उत्तराखंड मुक्त विवि लगातार ऊंचाईयां छूं रहा है। विश्वविद्यालय 2015 से विशिष्ट शिक्षा में बीएड संचालित कर रहा है, जिसमें अब तक लगभग 700 छात्र डिग्री ले चुके हैं तथा लगभग 900 अध्ययनरत हैं। उत्त्राखंण्ड मुक्त विश्वविद्यालय राज्य का एकमात्र शिक्षण संस्थान है जो दिव्यांगजनों के लिए विशिष्ट शिक्षक तैयार कर रहा है। विशिष्ट शिक्षा में अभी एलडीएमआर और एचआईवीई कार्यक्रम में विशिष्ट बीएड तथा फाउंडेशन पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं और अगले सत्र से सांकेतिक भाषा तथा ब्रेनलिपि में पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी चल रही है।