उत्तराखंडः UCC में संतान की मौत पर माता-पिता को भी मिलेगा उसकी चल अचल संपति पर अधिकार

खबर शेयर करें

Uttarakhand News: समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने से उत्तराधिकार कानून में जो परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं, उनमें से एक प्रमुख बदलाव यह हो सकता है कि संतान की मृत्यु के बाद उसके माता-पिता को भी उसकी चल-अचल संपत्ति में हिस्सेदारी मिलेगी। वर्तमान कानून में, अधिकांश मामलों में पति की मृत्यु होने पर उसकी संपत्ति और बैंक बैलेंस उसकी पत्नी को ही प्राप्त होता है, जबकि माता-पिता को संपत्ति में कोई सीधी हिस्सेदारी नहीं मिलती है। इस स्थिति में कई बार माता-पिता आर्थिक रूप से असुरक्षित हो जाते हैं, विशेष रूप से जब वे वृद्ध होते हैं और कमाने की स्थिति में नहीं होते।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड:(बड़ी खबर)- तीन IAS अधिकारियों के तबादले, इन्हें बनाया उधमसिंह नगर जिले का नया डीएम

यूसीसी लागू होने पर, माता-पिता के हितों की रक्षा करने के लिए उत्तराधिकार कानून में यह संशोधन लाया जा सकता है ताकि वे भी अपने दिवंगत संतान की संपत्ति में हिस्सेदारी के हकदार बन सकें। इससे माता-पिता की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी।

समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान कानून लाना है, चाहे उनका धर्म, जाति या लिंग कुछ भी हो। इस प्रकार के सुधार समाज में एकता और न्याय को बढ़ावा देने में सहायक हो सकते हैं। समान नागरिक संहिता (UCC) की नियमावली का ड्राफ्ट सरकार को सौंपा जाने के बाद अब प्रक्रिया के अगले चरण शुरू हो गए हैं। शुक्रवार को यह ड्राफ्ट अंग्रेजी भाषा में प्रस्तुत किया गया है, और अब इसे अन्य भाषाओं में अनुवाद करवाने का कार्य शुरू होगा, ताकि यह सभी के लिए आसानी से समझने योग्य हो सके। इसके बाद, विधि और न्याय विभाग इस ड्राफ्ट की तकनीकी समीक्षा करेगा, ताकि इसके कानूनी और संवैधानिक पहलुओं का उचित मूल्यांकन हो सके।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी: ग्रीनवूडस ग्लोबल स्कूल में वार्षिक खेल प्रतियोगिता, अतिथियों ने बढ़ाया बच्चों का हौंसला

जैसे ही यह तकनीकी प्रक्रिया पूरी होगी, सरकार मंत्रिमंडल की बैठक करेगी, जिसमें UCC को लागू करने की तैयारियों और संभावित तिथियों पर चर्चा होगी। इस बैठक में UCC को प्रभावी तौर पर लागू करने का निर्णय लिया जा सकता है और इसे देशभर में लागू करने की औपचारिक घोषणा भी की जा सकती है।यूसीसी का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए विवाह, उत्तराधिकार, संपत्ति, और गोद लेने जैसे मामलों में समान कानून लाना है, ताकि विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच कानून की असमानता को दूर किया जा सके।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।