उत्तराखंड: हल्द्वानी में नीलकंठ अस्पताल ने मरीज से वसूले थे 3.75 लाख, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कसा शिकंजा
हल्द्वानी: कोरोना महामारी के दौर में अस्पताल अपनी मनमानी करने पर बाज नहीं आ रहे है। ऐसे में आयुष्मान कार्डधारक कोरोना मरीजों से इलाज के लिए रुपये वसूलने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का शिकंजा कसना जारी है। बुधवार को अब प्राधिकरण ने हल्द्वानी स्थित नीलकंठ मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल से आयुष्मान कार्ड धारक लीलाधर नैनवाल से वसूली गई 3.75 लाख की धनराशि रिकवर करने का आदेश दिया है।
बता दें कि स्टेट हेल्थ एजेंसी ने कोरोना मरीज से इलाज के नाम पर 3.75 लाख रुपये वसूलने को लेकर हल्द्वानी के नीलकंठ मल्टीस्पेशिलिटी अस्पताल पर जुर्माना लगाया है। साथ ही अस्पताल को नोटिस भेज ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी दी है। प्रदेशभर में आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत कई अस्पताल गोल्डन कार्ड होने के बावजूद मरीजों से मोटी रकम वसूल रहे हैं। स्टेट हेल्थ एजेंसी से लीलाधर नैनवाल नाम के व्यक्ति ने नीलकंठ अस्पताल की शिकायत की थी। इसके बाद एजेंसी ने शिकायत की जांच की तो शिकायत सही पायी गई। अस्पताल को इलाज के नाम पर ली गई रकम लौटाने के निर्देश दिए।
प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि नीलकंठ अस्पताल ने आयुष्मान कार्डधारक कोरोना संक्रमित मरीज का नि:शुल्क और कैशलेस इलाज करने में गंभीर अनियमितता बरती। अस्पताल ने गाइडलाइन का उल्लंघन किया है। साथ ही महामारी के दौर में मरीज से अवैध तरीके से धन वसूल कर अपराध और अनैतिक व्यवहार किया है। इस कारण अस्पताल की आयुष्मान योजना में सूचीबद्धता खत्म करने के साथ ही उसे ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। नीलकंठ अस्पताल के प्रबंधक मनीष जोशी का कहना है कि हमारा अस्पताल सिर्फ बाल रोग विभाग के मरीजों के लिए आयुष्मान योजना में पंजीकृत है, अन्य किसी के लिए नहीं।