उत्तराखंडः राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही धामी सरकार, देखिए योजनाएं और पहल

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उत्तराखंड सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, ताकि इसे एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित किया जा सके। यहाँ कुछ प्रमुख पहलें और योजनाएँ हैं जिनके माध्यम से राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहित किया जा रहा है:

1. पर्यटन स्थलों का विकास

सरकार विभिन्न पर्यटन स्थलों के विकास पर ध्यान दे रही है। प्रसिद्ध स्थलों के साथ-साथ कम ज्ञात स्थानों को भी बेहतर सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। पर्यटकों के लिए इन स्थलों तक बेहतर सड़क मार्ग, स्वास्थ्य सुविधाएँ, और यातायात के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

2. होमस्टे योजना

ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में “होमस्टे योजना” को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत स्थानीय लोगों को अपने घरों में पर्यटकों को ठहराने की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह न केवल पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति के करीब लाता है, बल्कि स्थानीय लोगों को आय के नए स्रोत भी प्रदान करता है।

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3. साहसिक पर्यटन (Adventure Tourism)

उत्तराखंड साहसिक पर्यटन के लिए भी जाना जाता है। सरकार ने ट्रैकिंग, रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, और माउंटेन बाइकिंग जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। औली में स्कीइंग के आयोजन से लेकर रिवर राफ्टिंग के लिए ऋषिकेश जैसे स्थानों को विकसित किया गया है। औली, रूपकुंड, और पिंडारी ग्लेशियर जैसे स्थलों पर ट्रैकिंग मार्गों का विकास भी हो रहा है।

4. धार्मिक पर्यटन

चारधाम यात्रा (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) उत्तराखंड का सबसे प्रमुख धार्मिक पर्यटन है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। सरकार ने इन तीर्थ स्थलों पर पहुँचने के लिए यातायात और आधारभूत ढांचे में सुधार करने के साथ-साथ यात्रियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा सुविधाएं भी सुनिश्चित की हैं।

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5. शीतकालीन पर्यटन

औली और मसूरी जैसे स्थलों पर शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। औली में स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग के आयोजन के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही, राज्य के अन्य शीतकालीन स्थलों पर भी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।

6. पर्यावरण और इको-टूरिज्म

उत्तराखंड का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यावरण-पर्यटन के लिए आदर्श है। यहाँ कई इको-टूरिज्म स्थलों का विकास किया जा रहा है, जहाँ पर्यटक वन्य जीवन और प्रकृति का आनंद ले सकें। राज्य के राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभ्यारण जैसे जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क और गोविंद पशु विहार में इको-फ्रेंडली टूरिज्म सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं।

7. आध्यात्मिक और योग पर्यटन

ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे स्थान योग और ध्यान के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। उत्तराखंड को “योग की राजधानी” के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, और यहाँ पर अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव जैसे आयोजनों से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा है।

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8. सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन

उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और परंपराएं पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र हैं। राज्य के पारंपरिक त्यौहार, नृत्य, और संगीत को बढ़ावा देने के लिए विशेष आयोजन किए जाते हैं। इसके साथ ही, ऐतिहासिक स्थलों और प्राचीन मंदिरों का संरक्षण और विकास किया जा रहा है ताकि पर्यटक इन स्थानों का भी दौरा कर सकें।

इन पहलों के माध्यम से, उत्तराखंड सरकार न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही है, बल्कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक आदर्श वातावरण भी बना रही है।

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जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।