उत्तराखण्ड: सीएम धामी का बड़ा एलान, अगले साल सशक्त भू-कानून लाएगी सरकार

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Uttarakhand News: सीएम धामी ने कहा कि नगर निकाय क्षेत्र से बाहर 250 वर्ग मीटर भूमि बिना अनुमति खरीद सकते हैं। लेकिन संज्ञान में आया कि कई लोगों ने अपने ही परिवार के सदस्यों के नाम से जमीनें खरीद लीं। अब इसकी जांच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अगले बजट सत्र में वृहद भू-कानून लाने हेतु प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखण्ड में नगर निकाय क्षेत्र से बाहर 250 वर्ग मीटर भूमि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के खरीद सकता है, परंतु ऐसा संज्ञान में आया है कि एक ही परिवार में अलग-अलग नामों से भूमि क्रय करके उक्त प्राविधानों का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम इसकी जांच कराएंगे और जिस किसी ने भी ऐसा किया है उनकी भूमि राज्य सरकार में निहित की जाएगी।

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उन्होंने कहा कि राज्य में जिन भी व्यक्तियों ने पर्यटन, उद्योग आदि व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अनुमति लेकर भूमि क्रय की है, परंतु उस भूमि का उपयोग प्रयोजन हेतु नहीं किया, ऐसी जमीनों का विवरण तैयार किया जा रहा है। ऐसे लोगों के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई की जायेगी और उनकी जमीनें राज्य सरकार में निहित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी संज्ञान में आया है कि भूमि क्रय संबंधी नियमों में वर्ष 2017 में जो बदलाव किए गए थे, उनका परिणाम सकारात्मक नहीं रहा है। (जैसे 12.5 एकड़ की अधिकतम सीमा को खत्म कर देना, जो अनुमति शासन स्तर पर मिलती थी उसके लिए जिले के अधिकारियों को अधिकृत कर देना आदि)। उन्होंने कहा कि ऐसे प्राविधानों की समीक्षा की जायेगी और आवश्यक हुआ तो इन प्राविधानों को समाप्त कर दिया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के मूल स्वरूप को बचाने के उद्देश्य से उठाए जा रहे इन कदमों से किसी भी ऐसे व्यक्ति या संस्थाओं को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, जिनके निवेश से उत्तराखंड में पर्यटन, शिक्षा, उद्योग, व्यापार आदि विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन होता है तथा अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार भू-कानून एवं मूल निवास के मुद्दे को लेकर संवदेनशील है और हम अगले बजट सत्र में राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू-कानून लाने हेतु प्रयासरत हैं। जिस प्रकार मार्च 2021 से अब तक लंबे समय से चले आ रहे विभिन्न मामलों का निस्तारण हमारी सरकार ने किया है, उसी प्रकार मैं, उत्तराखण्ड की जनता को यह विश्वास दिलाता हूं कि भू कानून के मुद्दे का समाधान भी हमारी सरकार ही करेगी।

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जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।