हल्द्वानी: नैंसी कॉलेज ज्योलिकोट देगा विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप, नर्सिंग में मुफ्त पढ़ाई का अवसर

ज्योलिकोट, नैनीताल स्थित नैंसी कॉन्वेंट एजुकेशनल एंड सोशल वेल्फेयर सोसाइटी ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए 4 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप योजना का शुभारंभ किया है। यह पहल संस्था के प्रबंध निदेशक आई.पी. सिंह द्वारा उनके पिता स्वर्गीय सूबेदार मेजर श्रीराम सिंह की स्मृति में शुरू की गई है। शिक्षा और सामाजिक कल्याण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करना। यह पहल क्षेत्र के छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान करने के साथ-साथ उनके करियर निर्माण में अहम भूमिका निभाएगी।

प्रमुख योजनाएं और लाभ
- स्कूल छात्रों के लिए वार्षिक स्कॉलरशिप
नैंसी कॉन्वेंट स्कूल के 200 छात्रों को वार्षिक 1.25 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दी जाएगी। स्कूल की कुल वार्षिक शुल्क 3.25 लाख रुपये है। - नर्सिंग शिक्षा में मुफ्त पढ़ाई का अवसर
- इस वर्ष नैंसी कॉलेज ऑफ नर्सिंग को M.Sc नर्सिंग (25 सीटें) और पोस्ट बेसिक B.Sc नर्सिंग (40 सीटें) की मान्यता प्राप्त हुई है।
- कुमाऊं क्षेत्र की छात्राओं को इन कोर्सेज में मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी, जिसमें पढ़ाई, रहना और भोजन पूरी तरह नि:शुल्क होगा।
- सैनिक और NDA तैयारी कार्यक्रम
- संस्था ने WEDA (Winning Edge Defence Academy, Dehradun) के साथ साझेदारी की है।
- 1200 छात्रों को 1.25 लाख रुपये की छूट के साथ 2 लाख रुपये में CBSE शिक्षा और NDA, RIMC, व सैनिक स्कूल की तैयारी का अवसर मिलेगा।
संस्था की विरासत और उपलब्धियां
- शैक्षिक योगदान:
श्री आई.पी. सिंह पिछले 42 वर्षों से शिक्षा क्षेत्र में सक्रिय हैं और उन्हें “कुमायूं श्री पुरस्कार”, “बेस्ट एजुकेटर पुरस्कार” और “एशियन एक्सीलेंस पुरस्कार” जैसे सम्मान प्राप्त हैं। - शिक्षा का विस्तार:
1993 में स्थापित नैंसी कॉन्वेंट स्कूल पिछले 30 वर्षों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, खेलकूद और सह-शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों के समग्र विकास में योगदान दे रहा है। - IIT, NEET, CLAT जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष तैयारी।
- छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए थिएटर, वाद-विवाद, ट्रैकिंग और अन्य गतिविधियों का आयोजन।
- नर्सिंग कॉलेज की सफलता:
2007 में स्थापित नैंसी कॉलेज ऑफ नर्सिंग कुमाऊं का पहला नर्सिंग कॉलेज है। यहां से स्नातक छात्राओं का देश-विदेश के अस्पतालों जैसे वेदांता, मैक्स, अपोलो आदि में प्लेसमेंट होता है।
पिछली परियोजनाएं
- 1998 से 2011 तक 35 मूक-बधिर बच्चों को मुफ्त शिक्षा, रहने और खाने की सुविधा।
- 2011 से 2016 तक 45 गरीब और मेधावी छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा और आवास।
- इन सेवाओं के लिए संस्था को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम का आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ।














