गुनगुनी सी धूप…

खबर शेयर करें
कितने सावन बीत गये
बहारें भी कितनी रूठ गई
सूने पड़े सावन के झूले
कुछ दबी ख्वाहिशें रह गई

खामोशियों में छूप गई है
न जाने दिल की कितनी बातें
मन के आंगन में, रिमझिम
कितनी, बरसी हैं बरसातें

मीठे लम्हों की कुछ यादें
कुछ गजलें मेरी ख्वाहिश के
वक्त पल पल गुजर रहा है
भूल ना पाई सपने, जन्नत के
कभी दामन को छूती, सर्द हवा
कभी मुस्काती, दोपहरी की धूप
जैसे पहली बारिश में, मिट्टी की खुशबू
तेरी यादों का शोर मचाती, गुनगुनी सी धूप ..!!
पूनम झा, नई दिल्ली।


1
/
11


लोकगायक शंकर कुमार का उत्तराखंड संगीत जगत का सफर

ssp Panakj Bhatt Nainital|| Mobile Haldwani

रुद्रपुर विधानसभा से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी नंदलाल से खास बातचीत।।
1
/
11

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए
👉 फ़ेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज फॉलो करें
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें