पलायन: एक छोटा -सा मेरा गांव पूरा बिग बाजार था…

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छोटा- सा गांव मेरा,
पूरा बिग बाजार था।।
कुछ पंडित
बहुत से ठाकुर
कुछ शिल्पकार, तो एक लोहार था,
छोटे-छोटे घर थे,
पर हर आदमी बड़ा दिलदार था।
कहीं भी रोटी खा लेते,
हर घर में भोजन तैयार था।
आलू/मूली की थिंच्वाणी मजे से खाते थे,
जिसके आगे शाही पनीर बेकार था।
दो मिनट की मैग्गी न पिज्जा,
झटपट,
लेसु की रोटी, हरि साग तैयार था।
खटै हो या पिसी लूण
च्यूड़, भुटी भट्ट/ओमी
सदा बहार था।
छोटा सा गांव मेरा,
पूरा बिग बाजार था।
परात व कंटर बजा कर कत्यूर नचा देते थे,
बच्चा -बच्चा स्वरकण्ठी गीतकार था।
खरेटी खाव और खाड़ी खाव में नहा लेते थे,
साबुन और स्वीमिंग पूल सब बेकार था।
और फिर कबड्डी-गिरि-बालीबाल-क्रिकेट सब खेल लेते थे,
उस समय कहाँ आईपीएल का खुमार था।
आमा-बूबू से आणा-काथा सुन लेते थे,
कहाँ टेलीविजन और अख़बार था।
भाई-भाई को देखकर खुश था,
सभी लोगों में बहुत प्यार था।
छोटा -सा गांव मेरा,
पूरा बिग बाजार था।।

योगेश मेहरा, मौवे सोमेश्वर

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जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।