ऐपण के रंगों से चमक बिखेर रही पहाड़ की पूजा, बनाई करवा चौथ की स्पेशल सामग्री

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हल्द्वानी। पहाड़ की बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का डंका बजा रही हैं। चाहे वह खेल में हो या फिर भारतीय सेना में जाने का जज्बा आज हर बेटी की चाहत है। लेकिन कुछ बेटियां इन सबसे से अलग पहाड़ की संस्कृति को बचाने के साथ ही समाज में नई स्वरोजगार की गाथा लिख रहे है। इन्हीं में से पहाड़ की एक बेटी है पूजा आर्या जो अपनी चित्रकला के लिए इन दिनों सुर्खियों में है।

POOJA ARYA EPAN ALMORA

विरासत में मिला चित्रकला का हुनर

जी हां… पूजा आर्या अल्मोड़ा ही नहीं बल्कि पूरे उत्तराखंड के साथ इन दिनों सोशल मीडिया पर अपनी ऐपण कला से कलाकृतियों को छायी हुई है। इससे पहले पूजा ने राखी समेत पहाड़ की कई विलुप्त हो चुकी चीजों को ऐपण कला से संजोकर लोगों तक पहुंचाया। अब वह पहाड़ की ऐपण कला को करवा और छलनी में संजोकर मैदानी क्षेत्रों से पहाड़ की नारियों की पसंद के करवा चौथ व्रत के लिए सामान तैयार कर रही है। जैसे ही उन्होंने यह कार्य संजोकर सोशल मीडिया पर डाला तो लोगों ने डिमांड शुरू कर दी है। जिसके बाद पूजा ने ऑडर लेने शुरू कर दिये है। अल्मोड़ा के तल्ला ओड़खोला राजपुर निवासी पूजा आर्या बताती है कि चित्रकला का हुनर उन्हें विरासत में मिला है। उनके पिता एक पेंटर है तो इसी हुनर को उन्होंने भी आगे बढ़ाने का निर्णय लिया और पहाड़ की विलुप्त होती ऐपण कला से एक के बाद एक कलाकृतियां उकेरकर अपनी प्रतिभा लोगों तक पहुंचायी। उनके माता-पिता ने भी बेटी के हुनर को देखते हुए उन्हें सहयोग किया।

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पहाड़ की संस्कृति को बचाना उद्देश्य

पूजा कहना है कि उनका उद्देश्य पहाड़ की संस्कृति को बचाना है। अगर उनके द्वारा बनाये गई कलाकृतियां हर घर में पहुंचती है तो यह हमारी आने वाली पीढ़ी को पहाड़ की संस्कृति के प्रति सजग करेगा। बच्चों में हमारी संस्कृति के प्रति जानने की उत्सुकता जागेंगी। उन्होंने ऐपण कला से गोलू देवता, नंदा देवी, गणेश भगवान आदि ऐपण बनाए है। साथ ही बाइक और कार पर लगाने वाले फ्लैग भी बनाये है। इनकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसके अलावा चाबी के छल्ले में अपनी चित्रकारी से पहाड़ की महिलाओं को स्थान दिया है। जिसमें पहाड़ की रंगीली पिछौड़ी वाली महिला, वॉल पेंटिंग्स, चाय की केतली, टोपी पहने पुरूष और ईजा, ठेठ पहाड़ी, भेली पहाडऩ, शांत पहाडऩ, अरे लाटा, भोली पहाडऩ, मस्त पहाड़ी जैसे शब्दों से अपनी इस कलाकारी का जादू बिखेर रही हैं और लोगों का मन मोह रही हैं। इन शब्दों के चाबी के छल्ले लोग खूब पसंद कर रहे है।

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करवा, छलनी और थाली में उकेरी ऐपण कला

अब आगामी करवा चौथ का त्यौहार को देखते हुए उन्होंने करवे और छलनी और छाली पर ऐपण कला को उकेरा है, जो दिखने में काफी सुंदर लग रही है। लोग इसे बहुत पसंद कर रहे है। उन्हें लोगों की भारी संख्या में डिमांड आयी है। अगर आप भी अपने पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए करवा चौथ का व्रत रखने जा रहे है तो आप भी पहाड़ की ऐपण कला से उकेरी करवा और छलनी और थाली ऑडर कर सकते है। आप उनकी इंस्टग्राम आइडी https://www.instagram.com/reel/DAh-n3KPwmz/?igsh=MWo4emlzcnZzc2FxZg== या फिर फेसबुक https://www.facebook.com/100084157434284/posts/505546838927226/?mibextid=rS40aB7S9Ucbxw6v पर पूजा आर्या के नाम से बनी उनकी आईडी पर कमेंट कर ऑडर कर सकते है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।