उत्तराखंड: मुंबई से पहाड़ लौटे पवनदीप, बताई इंडियन आइडल के मंच तक पहुंचने की कहानी…
UTTARAKHAND NEWS: रक्षाबंधन में पवनदीप राजन अपने घर चंपावत पहुंचे। चम्पावत पहुंचने पर ग्रामीणों ने पवनदीप का जोरदार स्वागत किया। घर पहुंचने पर उन्होंने रक्षाबंधन पर अपनी बहनों से राखी बंधवाई। इस मौके पर पवनदीप की सफलता पर उसे शुभकामनाएं देने वालों का घर में तांता लगा हुआ है। पवनदीप ने बताया कि यह उनकी दिन-रात की मेहनत का परिणाम है। जो आज वह इंडियन आइडल सीजन-12 के विनर बने है।
इंडियन आइडल ने दिया सबकुछ
पवनदीप ने कहा 2015 में द वॉयस इंडिया विनर बनने के बाद 2021 में इंडियन आइडल बनने के लिए मैंने बहुत लंबा सफर तय किया है। अब इंडियन आइडल बनने के बाद वह सब कुछ मिल रहा है, मैंने पांचवी कक्षा से प्लानिंग कर ली थी। इसके लिए मैंने कई छोटे-बड़े शो किए। इसके अलावा मराठी फिल्म में एक्टिंग भी की। अभय देवल के साथ द वार 1962 वेब सीरीज में रेडियो आपरेटर का किरदार भी निभाया।
मुंबई जाने के लिए नहीं थे पैसे
जब उनहें ऑडिशन का पता चला तो वीडियो बनाकर भेज दिया लेकिन यह नहीं पता था कि मैं इसे जीत लूंगा। मुंबई जाने के लिए भी पैसे नहीं थे। दोस्तों व रिश्तेदारों से उधार मांगकर मैं मुंबई पहुंचा। ऑडिशन में सेलेक्ट होने के बाद पहला गाना भी बड़े डर के साथ गाया। उन्होंने कहा कि मुझे पूरे देश से प्यार व सम्मान मिला। जिसकी वजह से मैं यहां तक पहुंच पाया।
पिता के साथ बजाया बचपन में तबला
पवनदीप ने बताया कि मुंबई में सोनी टीवी द्वारा एक बंगला व स्टूडियो बनाकर दिया गया है। कल ही ऑक्टोपस इंटरटेनमेंट की ओर से 20 गानों का ऑफ र मिला है। वाद्य यंत्रों को बजाने को लेकर पवनदीप ने कहा कि वाद्ययंत्रों को बजाने से उन्हें ज्यादा फेम मिली। कितने वाद्ययंत्र बजा लेता हूं इसकी गिनती नहीं पता। उन्हें जो मिलता है उसे बजा लेता हूं। पिता जी के साथ छोटी की उम्र में ही मंच पर तबला बजाने का मौका मिला। उसके बाद से तो सभी वाद्ययंत्र बजा रहा हूं।