उत्तराखंड:(दु:खद)-पहाड़ में मासूम को उठा ले गया बंदर, पानी की बाल्टी में डालकर भागा हुई मौत…

CHAMAPWAT NEWS: पहाड़ों में बंदरों का आंतक बढ़ता ही जा रहा है। पहले जंगलों में बंदर का अड्डा था लेकिन कोरोनाकाल के बाद बंदर एकाएक आबादी की ओर लौटे है। पहाड़ के अधिकांश गांव आज बंदरों के आंतक से त्रस्त है। कई बाद लोगों को काटने की खबरें आ चुकी है लेकिन अब चंपावत जिले के टनकपुर से दुखद खबर सामने आयी है जिससे हर कोई सहम उठा।
घर पर सोये एक तीन माह के बच्चे को बंदर उठा ले गया। जिसके बाद बंदर बच्चे को लेकर छत पर गया जहां उसने पानी से भरी बाल्टी में उसे डाल दिया। जब कुछ देर बाद महिला कमरे में पहुंची तो बच्चा गायब देख हो हल्ला किया। इधर-उधर ढूढने पर बच्चा पानी भरी बाल्टी में डूबा मिला जहां से उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत के बाद से स्वजनों में कोहराम मचा हुआ है।

जानकारी के अनुसार चंपावत जिले के टनकपुर के मुख्य बाजार वार्ड नंबर आठ निवासी तीन साल के जुबीन पुत्र शहनवाज की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। बच्चे के दादा पूर्व सभासद अनीश अहमद के अनुसर जुबिन अपनी मां साजिया के साथ सोया हुआ था। आज सुबह पांच बजे उसकी मां उठकर घर के काम में जुट गई। तभी बंदर ने कमरे में घुसकर जुबिन को कंबल सहित घसीट लिया और छत पर ले जाकर पानी की बाल्टी में डुबो दिया। इसके बाद जब उसकी मां बिस्तर के पास गई तो बच्चा ने देख उसे खोजबीन की गई। जुबिन छत पर पानी से भरी बाल्टी में औंधे मुंह गिरा था।
घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया लेकिन वन विभाग बंदर द्वारा की गई घटना से सहमत नहीं है। एसडीओ एसके मौर्या की माने तो सुबह के समय बंदर सोए रहते हैं और वे धूप निकलने के बाद झुंड में ही निकलते हैं। इतनी सुबह बंदरों के घर में आने की संभावना काफी कम है। ऐसे में विभाग अपने स्तर से मामले की जांच करेगा। पुलिस ने बच्चे का शव कब्जे में लेकर उसे पीएम के लिए भेज दिया है। मामला सांदिग्ध लने से पुलिस भी जांच में जुट गई है। कोतवाल हरपाल सिंह ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है।