उत्तराखंड: डेढ़ माह के शिशु को मंदिर में छोड़ गई पत्थर दिल मां, पूजा करने गई महिलाओंं को रोता मिला बच्चा

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रामगढ़ में ममता के दो रूप देखने को मिले। एक वो मां जो अपने डेढ़ माह के शिशु को मंदिर परिसर में छोड़ आयी। दूसरी वो मां जिसने मंदिर से बच्चे को उठाया प्यार से दुलारा। इसके बाद तो कई ममताओं को प्यार उमड़ पड़ा किसी ने दूध पिलाया तो किसी नेे कपड़ेे बदले। मामला रामगढ़ के सालड़ी देवी मंदिर का है जहां एक पत्थर दिल मां करीब डेढ़ माह के शिशु को मंदिर में छोड़ गई। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने बच्चे को लेकर स्वास्थ्य जांच के लिए ् सुशीला तिवारी अस्पताल भेज दिया है।

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रामगढ़ सालड़ी देवी मंदिर का मामला

जानकारी केे अनुसार सोमवार को सालड़ी देवी मंदिर में गांव की महिलाएं पूजा-अर्चना करने पहुंचीं मंदिर के बरामदे में उन्हें करीब डेढ़ माह के शिशु को रोता मिला। इसकी सूचना पूर्व ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह मेहरा को दी गई। इसके बाद सूचना पुलिस तक पहुंची तो हडक़ंप मच गया। सूचना पर खैरना चौकी पुलिस के राजेंद्र गोस्वामी, आंनदी टम्टा व हर्षवर्धन मौके पर पहुंचे और बच्चे को अपने पास रख लिया। जहां से उसे एसटीएच भेज दिया गया। बच्चा एकदम स्वस्थ बताया जा रहा है।

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मंदिर में पूजा करने गई महिला को मिला बच्चा

पूर्व ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह मेहरा का कहना है कि मंदिर में 23-24 साल की एक महिला ने बच्चे को लेकर आई थी। कुछ ही देर बाद वह बिना बच्चे को लिए लौट भी गई। ऐसे में उन्हें कुछ गड़बड़ लगी तो मंदिर में पहले से मौजूद महिला की गोद में बच्चा देख वह लौट आये। लेेकिन इसके बाद पहले से पूजा कर रही महिला ने उन्हें जो बताया वह भी हैरान रह गये। कोई महिला बच्चे को छोड़ गई। इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

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खाकी ने दिखाई पूरी ममता

सूचना के बाद पहुंंची पुलिस ने बच्चे के अपने पास रख लिया। खाकी में पहुंची महिला ने नौनिहाल को पूरी ममता दी। खैरना चौकी में तैनात आंनदी टम्टा ने शिशु को भवाली कोतवाली पहुंचाया। जहां भवाली कोतवाली में तैनात महिला पुलिस कर्मियों ने बच्चे को दूध समेत कपड़े आदि पहनाये। यही नहीं बच्चे को कान्हा नाम भी दे दिया गया। फिलहाल पुलिस महिला का पता लगाने में जुटी है।

पहाड़ प्रभात डैस्क

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।