उत्तराखंड: निजी स्कूलों की मनमानी पर नकेल, ट्यूशन के अलावा दूसरी फीस ली तो खैर नहीं…

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देहरादून। उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे कोरोना केसों को देखते हुए मुख्यमंत्री के आदेश पर राज्य के समस्त शिक्षण संस्थान बंद हैं, ऐसे में सिर्फ ट्यूशन फीस ही ली जा सकती है। आज शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने साफ कहा है कि कोई ओर फीस लेने की शिकायत मिलने पर स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अभी प्रदेश में शिक्षण संस्थानों के बंद होने के बाद बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। ऐसे में शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ स्कूल पूरी फीस की मांग कर रहे हैं। वह फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव भी बना रहे हैं। आरोप है कि कुछ स्कूल मासिक फीस को ही ट्यूशन फीस बता रहे हैं। फीस जमा न करने पर बच्चों को ऑनलाइन क्लास से बाहर कर दिया जाएगा।
 
इस मामले में नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि फीस को लेकर निजी स्कूलों की ओर से मनमानी की जा रही है। स्कूल लगातार अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बना रहे है। वहीं कई स्कूलों ने फीस बढ़ा भी दी है। इस मामले को शिक्षा सचिव को भी अवगत कराया जा चुका है। जिस पर शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि स्कूल केवल बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने वाले ट्यूशन फीस ले सकते हैं। वहीं जिन निजी स्कूलों में ऑनलाइन नहीं पढ़ाया जा रहा है, वह किसी भी तरह की फीस नहीं ले सकते हैं। अगर फीस के लिए दबाव बनाया तो स्कूलों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।