उत्तराखंड: ओ मेरी ईजू गीत में दिखा मां-बेटे का प्यार, भुवन फुलारा ने गीत से बयां की पहाड़ से पलायन की पीड़ा

खबर शेयर करें

Pahad Prabhat News: उत्तराखंड के संगीत जगत में कई नये कलाकारों ने अपना कदम रखा है। कई कलाकार अपनी छाप छोडऩे में कामयाब हो जाते है तो कई काफी संघर्षों के बावजूद पिछड़ जाते है। इन दिनों एक गीत जो एक पहाड़ से पलायन कर दो रोटी की तलाश में दूसरे प्रदेश गये बेटे का दर्द बयां कर रहा है। उसे लोग खूब पसंद कर रहे है। लोकगायकी की दुनियां में कदम रखने वाले भुवन फुलारा ने इस गीत को गाया है। उनके ओ मेरी ईजु गीत लोगों का भा रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी:(बड़ी खबर)- रानीखेत एक्सप्रेस से टकराई अज्ञात वृद्धा, मौत

पहाड़ी म्यूजिक फिल्म्स यू-ट्यूट चैनल से रिलीज हुए इस गीत पर गायक भुवन फुलारा ने एक मां से बेटे के बिछडऩे का दर्द बंया किया है। जो पहाड़ों में लंबे समय से चला रहा है। पहाड़ में रोजगार न होने से हर साल हजारों युवा दूसरे राज्यों की ओर रोजी रोटी की तलाश में पलायन कर रहे है। ऐसे में पहाड़ में पढ़ लिखकर शहरों में जाना जैसे एक परम्परा चली आ रही है।

Ad

पेश से दिल्ली में चिकित्सक भुवन फुलारा को हमेश पहाड़ का दर्द सताता रहा है इसी दर्द को उन्होंने गाने की माध्यम से लोगों के बीच पहुंचाया है। मूलरूप से अल्मोड़ा जिले के सुरईखेत के निवासी भुवन फुलारा इन दिनों दिल्ली में है। वह लोकगायिकी के माध्यम से पहाड़ की संस्कृति को संवारने में जुटे है। उनके ओ मेरी ईजू गीत की लोगों ने जमकर तारीफ की है। अभी तक इस गीत को करीब पांच हजार से ऊपर व्यूज मिल चुके है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।