उत्तराखंड: कोरोना वायरस एक प्राणी, उसे भी जीने का अधिकार, पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र का बयान हुआ वायरल

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Uttarakhand Live News: एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का एक बयान चर्चाओं में है। इससे पहले भी उनके कई बयान वायरल हो चुके है। अब गुरुवार को मीडिया को दिया गया उनका कोरोना वायरस वाला बयान जमकर वायरल हो रहा है। जिसपर लोग जमकर चुटकियां ले रहे है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे बयान में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस प्राणी है, उसे भी जीने का अधिकार है। हालांकि उनका आशय कोरोना वायरस के बदले स्वरूप को लेकर था। लेकिन लोगों ने इतने से बयान को कट कर उसे वायरल कर दिया।

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पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का यह बयान फेसबुक, व्हाट्सएप पर खूब वायरल हो रहा है। लोग आलोचना कर रहे हैं। लेकिन त्रिवेंद्र समर्थकों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने लोगों को कोरोना वायरस से बचने के लिए आगाह किया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं इलाज कराकर दिल्ली से लौट रहा था। मैंने एक दार्शनिक बात कही थी। वह वायरस भी एक प्राणी है। हम भी एक प्राणी हैं। हम अपने को ज्यादा बुद्धिमान समझते हैं। हम ही सबसे ज्यादा बुद्धिमान हैं। लेकिन वह प्राणी भी जीना चाहता है। उसको भी जीने का अधिकार है।

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त्रिवेन्द्र ने आगे कहा हम उसके पीछे लगे हैं। वह अपना रूप बदल रहा है। वह बहुरुपिया हो गया। इसलिए हमको इस वायरस से दूरी बनाकर चलना पड़ेगा। तू भी चलता रहा, हम भी चल रहे हैं। लेकिन हमारी चाल तेज होनी चाहिए। हम तेजी से आगे बढ़ें, ताकि वह पीछे छूट जाए। हमको उस और भी सोचने की जरूरत है, क्योंकि वह भी जीवन है। थोड़ी देर में यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया।

पहाड़ प्रभात डैस्क

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।