उत्तराखंड: सुर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी जी को पद्य पुरस्कार देने की मांग, CM धामी, PM मोदी को भेजा पत्र…
Gopal Babu Goswami: उत्तराखंड के सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी ने उत्तराखंड की संस्कृ़ति को अपने स़ुरों से संजोया। उन्होंने उत्तराखंड के संगीत को एक नई दिशा दी। आज के युवा उनके गीतों को रिमिक्स कर गा रहे है। उन्होंने जल, जंगल, जमीन के अलावा लोकसंस्कृति को अपने गीतों के माध्यम से जिंदा रखा। उनके गीतों में लोककथाओं का उल्लेख भी होता है। ऐसे में आजतक किसी भी सरकार ने उनकी सुध नहीं ली। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकगाय नरेन्द्र सिंह नेगी के नाम को पद्य पुरस्कार के लिए दिये जाने के बाद सुर सम्राट गोपाल बाबू के चाहने वालों में काफी रोष है।
सामाजिक कार्यकर्ता व ग्रामीण विकास जनसंघर्ष समिति के कार्यकारी निदेशक मोहन चंद्र उपाध्याय ने इस बात पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार को लोकगाय नरेन्द्र नेगी के साथ ही उत्तराखंड के सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी के नाम को भी पद्य पुरस्कार के लिए संस्तुति देने की मांग की है। लोक संस्कृति को लेकर स्व गोपाल बाबू गोस्वामी ने अपना सर्वोच योगदान दिया है। उन्होंने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है।
पत्र में लिखा कि 80 के दशक में जिनके गीतों ने लोगों को जगाया। जिनके गीतों ने उत्तराखंड की लोककला को एक बड़े मुक़ाम पर पहुंचाया। आज उनकी अनदेखी की जा रही है। उन्होंने सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी को पद्य पुरस्कार देने की मांग की। स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी को पद्य पुरस्कार देने की मांग का समर्थन उत्तराखंड लोकसंस्कृति समिति के महासचिव तारा दत्त शर्मा, प्रवासी उत्तराखंडी समुदाय पंजाब-चंडीगढ़ की अध्यक्ष मधु पांडेय, उत्तराखंड हाईकोर्ट बार के पूर्व प्रेसीडेंट अधिवक्ता पूरन सिंह बिष्ट, पंजाब हाई के अधिवक्ता मदन मोहन पांडेय, सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश चंद्र जोशी, केश्वदत्त जोशी, दयाल पांडेय, समेत सैकड़ों लोगों ने अपना समर्थन दिया है। गणतंत्र दिवस 2022 के लिए गृह मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। वेबसाइट https://padmaawards.gov.in पर जाकर 17 सितम्बर 2021 तक उत्तराखंड सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी के लिए उनका नाम दर्ज कर सकते है।