Success Story: UPSC में पहली बार असफलता के बाद नहीं मानी हार, IAS अनुपमा अंजली से जानें टिप्स

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UPSC Success Story: यूपीएससी की परीक्षा पास करने का सपना हर साल लाखों स्टूडेंट्स देखते हैं लेकिन इसमें सफलता कुछ को ही मिल पाती है। इसे सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। जो स्टूडेंट्स मेहनत और लगन के साथ तैयारी करते हैं, वे सफलता जरूर पाते हैं। आईएएस अधिकारी अनुपमा अंजली की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।

उन्होंने UPSC की परीक्षा में 386वीं रैंक हासिल की थी और दूसरे प्रयास में वो सफल हुई थीं। यूपीएससी की परीक्षा देने से पहले उन्होंने बीटेक की पढ़ाई पूरी की थी। अनुपमा मानती हैं कि यूपीएससी की परीक्षा के दौरान कैंडीडेट्स तनाव और डिप्रेशन का सामना करते हैं। ऐसे में मेंटल हेल्थ को सही रखना बहुत जरूरी होता है। वह खुद भी अपनी मेंटल हेल्थ को सही रखने के लिए सही रणनीति बनाकर पढ़ाई करती थीं।

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अनुपमा के घर का माहौल शुरू से ही पढ़ाई वाला रहा। उनके पिता आईपीएस अधिकारी हैं, इस वजह से उन्हें घर से भी पढ़ाई के दौरान काफी सपोर्ट मिला। अनुपमा अंजलि (Anupama Anjali) ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की और इसके बाद यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की, लेकिन पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरी बार एग्जाम देने का फैसला किया। उनका कहना है कि जीवन में आने वाली चुनौतियों को पॉजिटिव विचार रखने से ही सुलझाया जा सकता है। इसके लिए सेल्फ मोटिवेशन भी एक अहम कड़ी है।

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अनुपमा अंजली ने बताया कि इस तरह की परीक्षाओं की तैयारी के दौरान उम्मीदवार काफी तनाव में आ जाते हैं । उनकी फैमिली, फ्रेंड्स और कई बार कोचिंग सेंटर में उन्हें बार-बार इस तरह की जानकारियां दी जाती है ताकि उनका तनाव का स्तर लगातार बढ़ता चला जाए । जबकि इस तरह की कठिन परीक्षाओं को पास करने के लिए मेंटल हेल्थ सबसे पहली और जरूरी शर्त होती है ।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।