व्यंग्य विशेषः चुनावी नामांकन पर लगा ब्रेक तो खंभे पर लटके मुस्कुराते चेहरों ने भी बना लिया मुंह

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हल्द्वानी। जीवन राजः राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट के फैसले के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया रोक दी है। जिसके बाद एक बार फिर प्रधान का सपना देख रहे गांव की दावेदारों को इंजतार करना पड़ेगा। इससे पहले चुनाव का बिगुल बजने के बाद सोशल मीडिया से लेकर गांवों के पोलों में दावेदारों की हाथ जोड़ते हुए पोस्टर सज गये थे, लेकिन आज राज्य निर्वाचन आयोग ने फिलहाल नामांकन पर रोक लगा दी तो दावेदारों के पोस्टर अब पोलों पर लटके हुए है।

जैसे ही पंचायत चुनाव की घोषणा हुई, गांवों में हलचल मच गई। एक ओर जहां खेतों में बारिश नहीं हो रही थी, वहीं दीवारों और खंभों पर चुनावी पोस्टरों की बरसात शुरू हो गई। हर नुक्कड़ पर एक ही पोज के पोस्टर हाथ जोड़े, दांत दिखाए, “सेवा का मौका दीजिए” लिखा हुआ। लेकिन इधर कोर्ट ने रोक लगाई तो उधर से राज्य निर्वाचन आयोग ने भी नामांकन प्रक्रिया रोक दी। बकायदा एक आदेश भी जारी किया कि अभी नहीं होेंगे नामांकन, आप इंतजार कीजिए। अब तो हालत ऐसी हो गई कि जो लोग खुद गांव में घूमते थे, अब उनके पोस्टर ही अकेले पोल से लटकते हुए जनता से संवाद कर रहे हैं।

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बहू प्रधान बनेगी, गांव चमकाएगी का नारा अब “बहू घर में बैठी है, चुनाव की खबर आएगी” में बदल चुका है। प्रधान पति, जो अभी तक पत्नी को जनता की नेता बना रहे थे, अब वही नेता जी चाय की दुकान पर कब होगा चुनाव?” का पर्चा टेबल पर रखकर चर्चा चला रहे हैं। वहीं कार्यकर्ताओं की टीम, जो कल तक बाइक रैली की तैयारी में थी, अब गांव के वाट्सऐप ग्रुप में ’मीम्स और गाने शेयर कर रही है’। नामांकन पर लग गई रोक, राजनीति में आई फिर टोक!
गजब तो तब हो गया जब दीवारों पर चिपके पोस्टर अब खुद बेचौन दिख रहे हैं। कुछ मुड़ चुके हैं, कुछ फटने लगे हैं, और कुछ तो मानो कह रहे हों, हमें हटा दो भाई, हमें भी छुट्टी चाहिए! अब अगली तारीख का इंतजार गांव की जनता कर रही है जैसे टीवी सीरियल का अगला एपिसोड हो, क्या बहू अब भी प्रधान बनेगी? क्या पोस्टर हटाए जाएंगे या कब पोतकर फिर से लगाए जाएंगे? ये तो आने वाला वक्त की बतायेगा।

पहाड़ प्रभात डैस्क

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।