पिथौरागढ़ः ‘पंचाचूली’ गीत के गायक गणेश मर्ताेलिया पर टूटा दुःखों का पहाड़, जंगली मशरूम खाने से बहन और नानी की मौत

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Pithoagadh News:उत्तराखंड से दुःखद खबर सामने आ रही है। इन दिनों पंचाचूली गीत से अपनी पहचान बनाने वाले पिथौरागढ़ धापा गांव निवासी कुमाऊंनी लोकगायक गणेश मर्ताेलिया की बहन और नानी की जंगली मशरूम खाने से मौत हो गई। हादसे के बाद पूरे परिवार में मातम पसरा हुआ है। परिजनों ने दोनों को मुनस्यारी से लेकर हल्द्वानी तक तीन अस्पतालों में भर्ती कराया, लेकिन 250 किलोमीटर लंबा सफर तय करने के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।

इधर हल्द्वानी के कटघरिया स्थित गणेश मर्ताेलिया के आवास पर शोक संतप्त परिजनों से मिलने और अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। बताया गया है कि मंगलवार को चित्रशिला घाट में दोनों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। हाल ही में उनके गीत पंचाचुली ने पूरे उत्तराखंड में धमाल मचाया हुआ है। ऐसे में वर्तमान में एसबीआई में कार्यरत लोकगायक गणेश मर्ताेलिया ने रुंधे गले से बताया कि उनकी नानी और बहन उनके साथ ही रहती थीं। पिता विजय मर्ताेलिया जोहार में हैं। गर्मियों में नानी की तबीयत खराब रहने के चलते वे मई में गांव चली गईं और साथ में बहन को भी भेज दिया गया।

गणेश के अनुसार, जानकारी के अभाव में दोनों ने खेत में उग आए जहरीले जंगली मशरूम खा लिए। इसके बाद रात में बहन का फोन आया कि तबीयत बिगड़ रही है। तत्काल गांव में मौजूद रिश्तेदारों को फोन कर दोनों को मुनस्यारी अस्पताल पहुंचाया गया। तब तक उल्टी और दस्त शुरू हो चुके थे।
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मुनस्यारी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद 13 जुलाई की सुबह दोनों को डिस्चार्ज कर दिया गया। बहन को एंबुलेंस और नानी को एक निजी वाहन से पिथौरागढ़ अस्पताल लाया गया। यहां भी इलाज से कोई खास राहत नहीं मिली, जिसके बाद उन्हें हल्द्वानी रेफर किया गया। हल्द्वानी लाते वक्त रास्ते में ही दोनों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मंगलवार को पिता के जोहार से लौटने के बाद दोनों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पहाड़ प्रभात डैस्क

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।