Uttrakhand: पहाड़ की हिमाद्रि हथकरघा यूनिट फिर होगी शुरू, विंक्यूलर फाउंडेशन ने महिलाओं की लौटाई मुस्कान

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अल्मोड़ा के कसार देवी का डीनापानी इलाका खड्डियों की आवाज़ से एक बार फिर गूंज उठेगा। मुस्काती महिलाओं के हाथों का हुनर फिर खड्डियों पर अठखेलियां करते हुए अपनी छाप देश दुनिया में छोड़ेगा। और ये सब मुमकिन हुआ विन्क्युलर फाउंडेशन की सोच से जिसने महिलाओं के अघर में लटके भविष्य को बचाने का ज़िम्मा उठाया।

22 जुलाई को अल्मोड़ा के पाताल देवी में हंस फाउंडेशन द्वारा हिमाद्रि हंस फाउंडेशन की मौजूदा दुकानों व उसमें रखे हथकरधे के सामान सहित कच्चे माल की नीलामी प्रक्रिया आयोजित की गई। जिसमें करीब चार बायर्स ने शिरकत की। इनमें विन्क्युलर फाउंडेशन के संस्थापक बलबीर बोरा ने सबसे बड़ी बोली लगाकर 6 दुकानों सहित कच्चे माल को खरीद कर महिलाओं के लिए एक बार फिर से रोज़गार उपलब्ध कराने का ज़िम्मा उठा लिया। बलबीर बोरा कहना है कि पहले दिन से ही उनकी ये कोशिश थी कि महिलाओं के ये हुनर किसी भी कीमत पर जाया नहीं होना चाहिए था जिसके लिए उन्होंने जी जान से कोशिश की और उनको आखिरकार महिलाओं का हक दिलाने में सफलता हासिल हुई।

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ज्ञात हो कि हिमाद्रि हंस फाउंडेशन ने मार्च में डीनापानी स्थित यूनिट, जिसमें हथकरघे का काम होता था उसको बंद करने का निर्णय लिया था। जिसके बाद करीब सवा सौ महिलाओं के लिए रोज़गार खत्म हो गया था हालांकि हंस ने महिलाओं के लिए तीन महीने की अतिरिक्त सैलरी के साथ-साथ उन्हें बाकी सुविधाएं भी मुहैया करवाईं लेकिन महिलाओं के लिए आजीविका के साऱे दरवाजे बंद हे गए थे। जिसके बाद महिलाओं के कई जगह जाकर इस यूनिट को दोबारा शुरु करने की मांग की लेकिन सरकार से उन्हें सिर्फ आश्वसाशन ही मिला।

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अंतिम कार्रवाई के तहत हंस फाउंडेशन ने जाते-जाते भी महिलाओं के हित में फैसले लिए और खड्डियों व कुछ कच्चे माल को बहुत ही मामूली राशि में महिलाओं की कोऑपरेटिव को सौंप दिए। इसके बाद कुछ माल की जब नीलामी हुई तो उसमें विंक्युलर फाउंडेशन ने सारे कच्चे माल को खरीद कर महिलाओं से दोबारा काम शुरु करने की अपील की। विंक्युलर फाउंडेशन एकलौते ऐसे बायर थे जिन्होने कच्चे माल को खरीदने में रुचि दिखाई । संस्थापक बलबीर बोरा ने कहा कि हमने कच्चा माल इसलिए लिया है ताकि इस माल को महिलाओं को देकर दुबारा काम की शुरुआत की जाएगी ताकि बरसों से चला आ रहा ये हुनर का कारखाना एक बार फिर से गुलजार हो सके। अब ये यूनिट हिमाद्री हैंडलूम्स के नाम से जानी जाएगी। जिसमें महिलाओं के साथ सभी के हित सुरक्षित रखे जाएंगे।

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आपको बता दें कि अल्मोड़ा के डीनापानी स्थित इस हिमाद्रि युनिट का इतिहास काफी पुराना है। ये पहले पंचाचूली के नाम से जानी जाती थी जिसके बाद इसे हंस ने संचालित किया और अब महिलाओं के हथकरघे पर काम करने के हुनर को विंक्युलर फाउंडेशन नए आयाम देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।