HAPPY DHANTERAS: धनतेरस पर करें इन पांच चीजों की खरीददारी, शुभ मुहूर्त में प्रसन्न होगी मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर…
HAPPY DHANTERAS 2021: दीपावली को लेकर लोगों में जबरर्दस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। ऐसे में दो नवंबर को धनतेरस का त्योहार है। पंचांग के अनुसार धनतेरस पर शुभ मुहूर्त के दौरान सोने-चांदी और अन्य कई तरह की चीजें खरीदी जाती है। अगर धनतेरस के दिन कुछ चींजे खरीदकर घर लाई जाए तो धन की देवी माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं। धनतेरस पर सोना-चांदी और बर्तन खरीदने के लिए 02 नवंबर को सुबह 06 बजकर 34 मिनट से लेकर 11 बजकर 30 मिनट तक शुभ रहेगा। शाम के मुहूर्त की बात करें तो 06 बजकर 18 मिनट से रात के 10 बजे तक खरीदारी के लिए अच्छा समय रहेगा। अगर आप कल धनतेरस पर कुछ खरीददारी करने की सोच रहे है तो ये पांच चीजों को खरीदना न भूलें।
सोने-चांदी के सिक्के- धनतेरस पर सोने-चांदी के सिक्कों पर बने लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर वाले सिक्के खरीदे। मान्यता है कि धनतेरस के दिन जो भी सोने या चांदी से बने सिक्के या आभूषण खरीदता है आने वाले साल में उसके घर, कार्यस्थल और बिजनेस में खूब तरक्की होती है। दिवाली और धनतेरस पर सोने-चांदी के सिक्के खरीदने पर सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
झाड़ू- धनतेरस पर झाड़ू खरीदकर घर लाने की मान्यता होती है। झाड़ू में मां लक्ष्मी का स्वरूप होता है। घर से गंदगी और नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है। धनतेरस के दिन झाड़ू को घर पर लाना शुभ माना जाता है।
धनिया- धनतेरस और दिवाली के दिन धनिया खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन धनिया लाकर उसके कुछ बीज को पूजा में शामिल करने के बाद अपनी तिजोरी में रखें। इसके अलावा धनिया के कुछ बीजों को अपने गमले में डाल दें। माना जाता है कि धनिया के बीज डालने पर अगर कुछ दिनों के बाद पौधे निकल आए तो पूरे साल आपके ऊपर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है।
अक्षत- शास्त्रों में अक्षत को बहुत ही शुभ और पवित्र अन्न माना गया है। पूजा और त्योहार में अक्षत को शामिल किया जाता है। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की कृपा पाने के लिए अक्षत जरूर लाएं, अक्षत लाने और उसके उपाय से घर में हमेशा पैसा, समृद्धि और संपन्नता में बढ़ोतरी होती है।
पीतल के बर्तन-धनतेरस पर सोना-चांदी के अलावा पीतल के बर्तन लाना भी बहुत शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि प्रगट हुए थे और उनके दोनों हाथो में सोने-चांदी से भरा हुआ कलश था।