Big News: पढ़िए कैसे माफिया डॉन बना मुख्तार अंसारी, तब हुई थी AK-47 से 400 राउंड फायरिंग…

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Mukhtar Ansari Death News: गुरुवार देर रात उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत हो गईपरिजनों की ओर से दी गई सूचना के अनुसार, परिवार का गाजीपुर जिले के काली बाग में पारिवारिक कब्रिस्तान है। वहीं पर मुख्तार को सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारी की जा रही है। जिले में भारी सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है।

मुख्तार अंसारी की मौत की मजिस्ट्रियल जांच तीन सदस्यीय टीम करेगी। 2 डॉक्टरों का पैनल पोस्टमार्टम करेगा, जिसकी वीडियोग्राफी की जाएगी। पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार अंसारी का शव उनके बेटे उमर अंसारी को सौंप दिया जाएगा।बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाहर शुक्रवार सुबह सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी का दिल का दौरा पड़ने से गुरुवार रात बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निधन हो गया है। मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने कहा कि पूरा देश सब कुछ जानता है। दो दिन पहले मैं उनसे मिलने आया था, लेकिन मुझे इजाजत नहीं मिली। उमर अंसारी ने कहा कि धीमा जहर देने के आरोप पर हमने पहले भी कहा था और आज भी यही कहेंगे।

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मुख्तार अंसारी 5 बार विधायक रह चुका है. वह 2005 से सजा काट रहा था. अलग-अलग मामलों में उसे 2 बार उम्रकैद हुई थी. 60 साल के मुख्तार अंसारी ने हाल ही में कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि उसे जेल में धीमा जहर दिया जा रहा है. उसकी मौत के बाद बांदा, मऊ और गाजीपुर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बांदा में मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

उसके खिलाफ 61 आपराधिक मामले दर्ज थे. इनमें से 15 हत्या के मामले थे. 1980 के दौर में जब पूर्वांचल में विकास के काम हो रहे थे, तब वहां के लोकल गैंग्स में ठेके लेने की होड़ थी. उस वक्त मुख्तार अंसारी मखानू सिंह गैंग में था. इस गैंग की दुश्मनी साहिब सिंह गैंग से चल रही थी. साहिब सिंह गैंग के लिए गैंगस्टर ब्रजेश सिंह काम कर रहा था, 1990 के दशक में मुख्तार अंसारी ने अपना गैंग बना लिया. उसने कोयला खनन, रेलवे जैसे कामों में 100 करोड़ का कारोबार खड़ा कर लिया. फिर वो गुंडा टैक्स ,जबरन वसूली और अपहरण के धंधे में भी आ गया. उसका सिंडिकेट मऊ, गाजीपुर, बनारस और जौनपुर में एक्टिव था. पूर्वांचल में उस वक्त दो बड़े गैंग थे ब्रजेश सिंह और मुख्तार अंसारी गैंग. दोनों एक दूसरे के दुश्मन हो गए.

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मुन्ना बजरंगी भी मुख्तार के गैंग में शामिल था. 2002 में ब्रजेश सिंह ने मुख्तार के काफिले पर हमला करवाया. इसमें मुख्तार अंसारी के 3 गुर्गे मारे गए. इस घटना में ब्रजेश सिंह भी बुरी तरह घायल हो गया. 2005 में बीजेपी एमएलए कृष्णानंद राय की हत्या करवा दी गई. इस हमले में कृष्णानंद राय के साथ उनके 6 लोग भी मारे गए. ये हमला AK-47 से हुआ और करीब 400 राउंड फायरिंग हुई. मृतकों के शरीर से 67 कारतूस बरामद हुए. कृष्णानंद राय की हत्या के वक्त मुख्तार अंसारी जेल में थे. उन्होंने जेल में रहते हुए ये हत्या करवाई, क्योंकि ब्रजेश सिंह ने बीजेपी एमएलए कृष्णानंद राय का सपोर्ट किया था. 2002 में कृष्णानंद राय ने मुख्तार अंसारी को विधानसभा चुनाव में हराया था.

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2006 में कृष्णानंद राय की हत्या के एक प्रमुख गवाह शशिकांत की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. 2004 में डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने मुख्तार अंसारी के ठिकाने से लाइट मशीन गन बरामद की थी. उनके खिलाफ POTA के तहत केस दर्ज किया गया था. 2012 में संगठित गैंग चलाने के चलते अंसारी पर मकोका के तहत केस दर्ज किया गया. अप्रैल 2023 में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में उसे 10 साल की सजा हुई. 13 मार्च 2024 को एक आर्म्स लाइसेंस केस में अंसारी को उम्रकैद की सजा हुई.

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जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात पाक्षिक समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।