उत्तराखंड: पहाड़ी भुला PAWANDEEP ने किया कमाल…झूम उठा कुमाऊं-गढ़वाल, पढ़िए कैसे विरासत में मिला संगीत…
Pawandeep Rajan Winner-12: आखिरकार वहीं हुआ जिसका उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश को इंतजार था। उत्तराखंड के पवनदीप राजन ने इंडियन आइडल की ट्राफी जीत ली। देर रात उनके जीत के साथ ही पूरा उत्तराखंड झूम उठा। इससे पहले आपके प्रिय न्यूज पोर्टल पहाड़ प्रभात ने जीतेगा तो अपना पहाड़ी भुला पवनदीप राजन ही… टाइटल के नाम से खबर चलाई थी जिस पर मोहर लग गई। यानी पहाड़ प्रभात की यह खबर सही साबित हुई। पहाड़ के पवनदीप राजन इंडियन आइडल के विजेता बन गये। इससे पहले पवनदीप राजन द वाइस पर इंडिया के विनर रह चुके है।
वैसे न बन जाता कोई विनर
उत्तराखंड के पवनदीप को म्यूजिक विरासत में मिली है। उनके पिता सुरेश राजन और ताऊ सतीश राजन ने बचपन से ही उन्हें म्यूजिक सिखाया है। दादा स्व. रति राजन भी अपने समय के प्रसिद्ध लोकगायक थे। उनके पिता सुरेश राजन कुमाऊं के मशहूर सिंगर हैं। पवनदीप राजन की नानी भी फोक लोकगायिका थीं। इसलिए पवनदीप को सिंगिंग विरासत में मिली है।
बचपन में सीखा तबला बजाना
पहाड़ के पवनदीप राजन इंडियन आइडल 12 के इकलौते ऐसे कंटेस्टेंट हैं जो गाने के साथ-साथ लगभग कोई भी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजा लेते हैं। पवनदीप ने बचपन से ही तबला बजाना शुरू कर दिया था। उनके इस हुनर को देख पिता सुरेश राजन ने तबला बजाने के लिए मोटिवेट किया। आज पवनदीप राजन पियानो से लेकर ढोलक, ड्रम, कीबोर्ड और गिटार जैसे कई म्यूजिकल इंस्ट्रमेंट बजा लेते हैं और साथ में आसानी से गा भी लेते हैं।
वायस आफ इंडिया के रह चुके हैं विनर
पवनदीप राजन साल 2015 में रियलिटी शो द वॉइस इंडिया सीजन1के भी विनर रह चुकं हैं। इसी शो उनके म्यूजिक कॅरियर की शुरुआत हुई थी। पवनदीप राजन न सिर्फ एक अच्छे सिंगर बल्कि कंपोजर और म्यूजिक डायरेक्टर भी हैं। वह कई मराठी और पहाड़ी फिल्मों में भी म्यूजिक दे चुके हैं। उनके कई पहाड़ी गीत आपको यू-ट्यूब पर मिल जायेंगे। पवनदीप के विनर बनने से पहले ही काफी जबरदस्त फैन फॉलोइंग हो गई है। पवनदीप इस सीजन के पहले कंटेस्टेंट हैं जिनके एक मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हो गए हैं। चंडीगढ़ में पवनदीप राजन एक बैंड के मेंबर भी हैं।