उत्तराखंडः अचानक स्कूल में रोने और चिल्लाने लगी छात्राएं, 39 छात्राओं की हरकतें अभिभावक और स्कूल प्रशासन हैरान

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Champawat News: पहाड़ों से अक्सर ये खबरें सुनने को मिलती है कि स्कूल में छात्राएं अचानक हिलने लगती है। इससे पहले भी कई जिलों में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अब खबर चंपावत जिले से है। जहां जीआईसी रमक में कुछ छात्राओं के साथ इन दिनों एक साथ रोने, चीखने और कक्षाओं से भागने की घटना हो रही है। बताया जा रहा है कि करीब 39 छात्राएं ऐसी हरकतें कर रही हैं। जिसके बाद स्कूल में हड़कंप मच गया। बच्चों के अभिभावक इसे दैवीय प्रकोप बता रहे हैं जबकि शिक्षा विभाग इसे मास हिस्टीरिया बता रहा है।

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जानकारी के अनुसार पाटी ब्लॉक के रमक जीआईसी में 82 छात्राएं और 69 छात्र पढ़ रही हैं। स्कूल प्रशासन के अनुसार नवंबर के आखिरी सप्ताह से छठीं से 12वीं तक की कई छात्राएं अचानक सिर घूमने, सिर दर्द होने की शिकायत के बाद रोने, चिल्लाने के बाद भागने लगती हैं। रोज मध्यांतर के बाद पांच से सात छात्राओं को इस तरह की शिकायत होती रही। करीब 39 छात्राएं इसकी चपेट में आईं। इसमें हर दिन नई छात्राएं इस गिरफ्त में आईं।

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लगातार शिकायतें आने के बाद स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों की बैठक बुलाई। इसके बाद विभागीय उच्चाधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद मुख्य शिक्षाधिकारी जितेंद्र सक्सेना स्कूल पहुंचे। इस मामले में प्रधानाचार्य एसपी गंगवार ने बताया कि पाटी ब्लॉक की स्वास्थ्य विभाग की टीम बुलाकर छात्राओं का इलाज कराया गया। वहीं अभिभावकों ने इसके लिए पूजा अर्चना से लेकर देव डांगरों की गद्दी लगवाई। दावा किया गया है कि इसके बाद से अब स्थिति में सुधार हुआ है। पिछले दो दिन से अब ऐसी कोई घटना नहीं हो रही है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि लधिया घाटी के दो और स्कूलों में बीते दो माह में ऐसी घटनाएं हुई हैं।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।