उत्तराखंड: देवभूमि के लिए गौरव का पल, दुनियां की सबसे ऊंची चोटी पर पहाड़ के मनीष ने फहराया तिरंगा

Pahad Prabhat News Uttarakhand: एक ओर जहां युवा लगातार सेना में शामिल होकर उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे है। वहीं दूसरी ओर कुछ युवाओं की टोली देवभूमि को विश्व पटल पर नई पहचान दिलाने में लगी हुई है। उन्हीं में से एक है पिथौरागढ़ के मनीष कसनियाल। पिथौरागढ़ के युवा पर्वतारोही मनीष कसनियाल ने एवरेस्ट फतह की है। मनीष के एवरेस्ट फतह करने की सूचना मिलते ही पिथौरागढ़ सहित पूरे जिले में खुशी का माहौल है।
बता देें कि पिथौरागढ़ के कासनी गांव निवासी एवं आइस संस्था के सदस्य मनीष कसनियाल ने मंगलवार की सुबह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी 8848 मीटर ऊंची सागरमाथा चोटी पर पहुंच कर देश का झंडा लहराया। उनकेसाथ सिक्किम निवासी पर्वतारोही मनीता प्रधान और दो नेपाली शेरपा शामिल थे। इनके एवरेस्ट में चढ़ते ही बेस कैंप से सूचना आइस संस्था को दी गई।

युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार और भारतीय पर्वतरोहण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मैसिफ एवरेस्ट अभियान के लिए 12 पर्वतरोहियों का चयन हुआ था। जिसमें टीम लीडर मनीष कसनियाल को बनाया गया था। मनीष 28 मार्च को पिथौरागढ़ से दिल्ली रवाना हुआ। 12 सदस्यीय दल को चार टीमों में बांटा गया। तीन टीमों ने एवरेस्ट के निकट की तीन चोटियों काआरोहण करना था। मनीष और सुनीता को एवरेस्ट चढऩा था। एक अप्रैल को इस दल को नई दिल्ली से खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री किरण रिजजु ने हरी झंडी दिखा कर काठमांडू को रवाना किया। एवरेस्ट अभियान के लिए मनीष क सनियाल का दल रविवार रात्रि दस बजे 7900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप चार से एवरेस्ट चोटी फतह को निकले और सुबह पांच बजे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंच कर भारत का तिरंगा फहराया।