उत्तराखंड: नाबालिग को बाइक थमानी पड़ी महंगी, पिता पर लगा 31 हजार रुपये का जुर्माना
UTTARAKHAND NEWS HARIDWAR: कई बार समझाने के बाद भी लोग नियम तोडऩे से बाज नहीं आते है। बार-बार पुलिस कहती है कि नाबालिगों को बाइक न दे लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग इसे अनदेखा करते है। ऐसा ही एक मामला आया है जहां नाबालिग किशोर के बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश चंद्र आर्य ने किशोर के पिता को दोषी पाया है। जिसके बाद न्यायालय ने किशोर के पिता पर 31 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यदि जुर्माना न दिया तो एक माह के कारावास की सजा सुनाई है।
चेकिंग में पुलिस ने पकड़ा
पूरा मामला 28 जून 2021 को है। रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में बीएचइएल हास्पिटल पर स्थानीय पुलिसकर्मी वाहन चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान एक किशोर को बाइक लेकर आया जो बिना हेलमेट पहने था। पूछताछ करने पर पता चला कि वह नाबालिग है। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने मौके पर ही बाइक को सीज कर दिया। इसके बाद रिपोर्ट एआरटीओ कार्यालय को भेज दी थी।
न्यायालय ने लगाया जुर्माना
वाहन मालिक प्रवीण त्यागी निवासी शिवालिक नगर रानीपुर ने वाहन का चालान व सीज बाइक को रिलीज कराने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था। न्यायालय ने रानीपुर पुलिस से युवक की आयु संबंधित दस्तावेज व प्रमाण पत्र की जांच करने के निर्देश दिए थे। पत्र प्रमाण पत्रों की जांच की गई तो बाइक चलाने वाला किशोर जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर नाबालिग पाया गया। किशोर के पिता ने न्यायालय में उपस्थित होकर अपना जुर्म स्वीकार करते हुए सीज वाहन को रिलीज करने की प्रार्थना की थी। न्यायालय में यह भी बताया कि भविष्य में नाबालिग बेटे को बाइक चलाने को नहीं देंगे। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश चंद्र आर्य ने नाबालिग के पिता प्रवीण त्यागी को परिवहन अधिनियम का उल्लंघन करने का दोषी पाते हुए 31 हजार रुपये का जुर्माना देने अथवा एक माह के कारावास की सजा भुगतने के आदेश दिए हैं।