उत्तराखंड: (बड़ी खबर)-अब नहीं चल पायेंगी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, जारी हुआ आदेश

खबर शेयर करें

Pahad Prabhat News Uttarakhand: महानिदेशक शिक्षा विनय शंकर पांडेय ने राज्य में बन्द चल रहे विद्यालय की फीस भुगतान की प्रक्रिया के सम्बन्ध में निम्नलिखित निर्देश जारी किये गये हैं।मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा गया है कि निर्देशो का पालन कराया जाए ऐसा न करने की दशा में कार्रवाई की जाएगी।मात्र ऑनलाइन / अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण कराने वाले निजी विद्यालयों को विद्यालय बंद रहने की अवधि में मात्र शिक्षण शुल्क (Tuition Fees) लेने की अनुमति होगी। अन्य किसी प्रकार का शुल्क अभिभावकों से नहीं लिया जायेगा।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी: करन माहरा ने भाजपा पर साधा निशाना, ललित जोशी ने किया तीखा प्रहार

ऑनलाईन / अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण का लाभ लेने के बावजूद भी शुल्क देने में असमर्थ अभिभावक कारणों का उल्लेख करते हुये सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य / प्रबन्ध समिति से शुल्क करने हेतु अतिरिक्त समय का अनुरोध कर सकते हैं। किसी भी परिस्थिति में छात्रों को शुल्क जमा करने में हुये विलम्ब के कारण विद्यालय से बाहर नहीं किया जायेगा।

कोविड-19 के संक्रमण से रोकथाम हेतु विद्यालयों के बंद रहने के अवधि में सरकारी / अर्द्धसरकारी अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से वेतन प्राप्त करने एवं उनकी आजीविका में किसी भी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव न पड़ने के कारण ऑनलाईन / अन्य संचार माध्यमों से कक्षाओं का लाभ लेने के फलस्वरूप नियमित रूप से निर्धारित शिक्षण शुल्क (Tuition Fees) जमा करवाया जायेगा।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानीः शीशमहल कैलाश द्वार में धर्म संसद में लिए गए महत्वपूर्ण संकल्प


उक्त निर्देशों के वाबजूद भी संज्ञान में आया है कि कतिपय निजी विद्यालयों द्वारा विगत वर्षों में विभिन्न मदों (खेल, कम्प्यूटर आदि) में ली जाने वाली फीस को भी शिक्षण शुल्क में सम्मिलित कर अनुचित ढंग से शिक्षण शुल्क में वृद्धि कर ली गई है, जो उक्त निर्देशों का उल्लंघन है।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी:ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष नन्हें कश्यप ने किया बीजेपी प्रत्याशी गजराज का जोरदार स्वागत

अतः निर्देशित किया जाता है कि तत्काल ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर जांच करें, जिनके द्वारा विभिन्न मदों के शुल्क को शिक्षण शुल्क में समाहित कर शिक्षण शुल्क लिया जा रहा है तथा दोषी पाये जाने पर सम्बन्धित विद्यालयों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुये सुस्पष्ट आख्या अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।