उत्तराखंड: दिल्ली में दिखी लोकप्रिय पर्व ‘फूलदेई’ की झलक, कलाकारों ने “हम उत्तराखंडी” छौ से जीता दिल…

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Bagwalipokhar News: रविवार को दिल्ली के राष्ट्रीय बाल भवन में उत्तराखंड के लोकप्रिय पर्व ‘फूलदेई’ के शुभ आगमन पर उत्तराखंड के एक गांव की सामाजिक संस्था डोटलगांव सेवा समिति, दिल्ली द्वारा सांस्कृतिक एवं जन मिलन कार्यक्रम किया गया। संस्था हर साल अपने गांव व आसपास के प्रवासी ग्रामीणों को दिल्ली एनसीआर में एक साथ जोड़े रखने का प्रयास करती रहती है। आगे पढ़िए..

इस कार्यक्रम की रूपरेखा व थीम लोकपर्व फूलदेई से प्रभावित थी। कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम गांव के वरिष्ठों द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। इसके बाद नीरज शाही द्वारा सरस्वती वंदना व अन्य बच्चों द्वारा प्रस्तुत किये गये सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी दर्शकों का मन मोह लिया। गांव और आसपास के कई महानुभावों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखक व पत्रकारों का स्वागत भी किया गया।

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लेखक व पत्रकार चारू तिवारी ने कहा कि डोटलगांव सेवा समिति के कार्यों की प्रशंसा की। वह डोटलगांव के साथ अपने पढ़ाई के दिनों से साथ से जुड़े हुए थे। संस्था के संस्थापक लक्ष्मण शाही ने संस्था को इस मुकाम पर पहुंचने के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं दी। संस्था के संरक्षक सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप शाही ने भी अपने शुरुआती संघर्ष को जन मानस के सामने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में डोटलगांव व आसपास के करीब 500 से 600 प्रवासी ग्रामवासियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अपनी सदियों पुरानी अपनी महान व ऐतिहासिक उत्तराखंडी संस्कृति का उत्तरोत्तर संवर्द्धन करने एवं विरासत को आने वाली पीढ़ी के लिए आह्वान करना था, कि वह इस विरासत को संजोये रखे और निरंतर एक दूसरे को जोड़ने का प्रयास करे।

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डोटलगांव सेवा समिति दिल्ली में रहते हुए अपने गांव व आसपास के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहती है। समय समय पर जन जागरूक अभियान चलाना, कमजोर लोगों की सहायता, गरीब बच्चों की पढ़ाई व गांव के युवाओं व बच्चों को खेलों के प्रति प्रोत्साहन करने तथा खेल सामग्रियों के वितरण का कार्य भी समिति द्वारा किया जाता रहता है। समिति का प्रयास अपने सांस्कृतिक विरासत, अपने तीज त्योहारों को संजोये रखने के लिए हमेशा प्रयासरत रहता है।

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कार्यक्रम में दिल्ली की रामगंगा सांस्कृतिक कला केन्द्र के कलाकारों ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। उनकी प्रस्तुति ‘ हम उत्तराखंडी छौ’ ने तो दर्शकों को अपनी कुर्सियों से उठ कर तालियां बजाने को मजबूर कर दिया। गांव से आये मेहमान लोक गायक विनोद आर्या व रूचि आर्या ने भी दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। अंत में सभी प्रतिभावन होनहार बच्चों को संस्था द्वारा अंगवस्त्र, फूलमाला व सार्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। ‌कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समिति के कई कार्यकर्ताओं की दिन रात की मेहनत लगी हुई थी।

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इस दौरान समिति प्रवक्ता मोहन सिंह शाही, अध्यक्ष राजबीर बिष्ट, उपाध्यक्ष गोपाल शाही, महासचिव प्रभाकर शाही, सचिव गोविन्द कुमैया, सांस्कृतिक सचिव हरीश कुवार्बी, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण शाही, प्रचार सचिव भुवन शाही तथा वरिष्ठ सलाहकार धनसिंह शाही, भुपेंद्र शाही, रामसिंह शाही, हीरा सिंह शाही आदि सभी संस्था के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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पहाड़ प्रभात डैस्क

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।