आज की बड़ी खबर, उत्तराखंड में लागू हुआ UCC

खबर शेयर करें

Uttarakhand News: मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत तौर पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की अधिसूचना का अनावरण, यूसीसी पोर्टल ucc.uk.gov.in का शुभारंभ और यूसीसी नियमावली बुकलेट का विमोचन किया।

यूसीसी पोर्टल पर मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अपने विवाह का पहला पंजीकरण कराया, जिसका प्रमाणपत्र मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को सौंपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूसीसी के तहत सर्वप्रथम पंजीकरण कराने वाले पांच आवेदकों को भी प्रमाणपत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तय करने के लिए विशेषज्ञ कमेटी ने 2.35 लाख लोगों से सम्पर्क किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू करके राज्य सरकार संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. बी.आर. आम्बेडकर सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों को सच्ची भावांजलि दे रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बेहद भावुक होकर सवा करोड़ उत्तराखण्डवासियों के सामने समान नागरिक संहिता पूर्ण रूप से लागू करने की घोषणा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड में यूसीसी लागू हो पाई है, इसके लिए उन्होंने सभी उत्तराखण्डवासियों की ओर से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार व्यक्त किया।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानीः प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. लक्ष्मण बिष्ट बटरोही के साहित्य पर हुई चर्चा

उन्होंने कहा कि यूसीसी जाति, धर्म, लिंग के आधार पर कानूनी भेदभाव समाप्त करने का संवैधानिक उपाय है, इसके जरिए सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इसके जरिए महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण सुनिचित हो सकेगा। साथ ही हलाला, तीन तलाक, इद्दत जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगेगी। इसमें संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत वर्णित अनुसूचित जनजातियों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। इससे उनके रीति रिवाजों का संरक्षण हो सकेगा। जिन पंजीकृत व्यक्तियों का विवाह यूसीसी के लागू होने से पूर्व पंजीकृत हुआ हो या तलाक की डिक्री घोषित हुई हो या विवाह निरस्त हुआ हो, उनसे पहले छह महीने में किसी भी तरह का रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। यह समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर, समानता से समरसता कायम करने का कानूनी प्रयास है। इसमें किसी की भी मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है। उन्होंने कहा कि विश्व के प्रमुख मुस्लिम और विकसित देशों में पहले से ही यूसीसी लागू है। इस कानून द्वारा सभी लोगों के लिए विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार के नियमों को समान किया गया है। सभी धर्म के लोग अपने अपने रीति रिवाजों से विवाह कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी:(बड़ी खबर)- नगर निगम हल्द्वानी के मेयर बने गजराज, इतने वोटों से जीते

उन्होंने कहा कि अब सभी धर्मों में लड़कों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और लड़कियों के लिए 18 कर दी गई है। साथ ही पति या पत्नी के रहते दूसरे विवाह को प्रतिबंध किया गया है। समान नागरिक संहिता में बाल अधिकारों को संरक्षित किया गया है, साथ ही बेटियों को सम्पति में समान अधिकार दिए गए हैं। परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद न हो इसके लिए मृतक की सम्पत्ति में पत्नी, बच्चे और माता-पिता को समान अधिकार दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय को देखते हुए, लिव इन के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, युगल की सूचना रजिस्ट्रार माता-पिता या अभिभावक को देगा। यह जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहेगी। लिव इन से पैदा बच्चों को भी समान अधिकार दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी को लागू करने के लिए सरलीकरण के मूल मंत्र पर चलते हुए, ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है, साथ ही स्पष्ट नियमावली भी लागू कर दी गई है। पूरा ध्यान रखा गया है कि इसके लिए किसी भी नागरिक को दिक्कत का सामना न करना पड़े।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानीः इम्पीरियम स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 76वां गणतंत्र दिवस

मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि अब प्रदेश में प्रति वर्ष 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि धारा 370, तीन तलाक, राम मंदिर को लेकर जितने भी संकल्प लिये गये थे, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे किये गये हैं।इस अवसर पर यूसीसी नियमावली समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने यूसीसी नियमावली के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा सचिव श्री शैलेश बगोली ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, सौरभ बहुगुणा, राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायकगण, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, यूसीसी नियमावली समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह, प्रो. सुरेखा डंगवाल, मनू गौड़, अजय मिश्रा एवं शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।