कुंडली से जानिये आपको किस क्षेत्र में मिलेगी सफलता, बतायेंगे ज्योतिषाचार्य पं. पवन डंडरियाल शास्त्री

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Haldwani News: कोई भी नया कार्य शुरू करने से पहले आप ज्योतिष की सलाह अवश्य लेते है। जिससे आपका कार्य अच्छा और शुभ हो। इसके अलावा आप अपनी कुंडली के माध्यम से भी जान सकते है कि आपको किस क्षेत्र में कार्य करना चाहिए। साथ ही आपके जीवन में क्या-क्या शुभ रहेगा। इन सबकी जानकारी आपको देंगे पौड़ी गढ़वाल के सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. पवन डंडरियाल शास्त्री जी।

सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. पवन डंडरियाल शास्त्री के अनुसार बहुत लोग जानना चाहते है कि वह कौन से व्यापार करें कि उन्हें सफलता मिल। क्या उन्हें व्यापार करना चाहिए या नौकरी। ऐसे सवालों के जवाब आप उनसे मिलकर जान सकते है। करियर संबंधित जानकारी भी आपको दी जायेगी। ग्रहों के आधार पर करियर चुनने में मदद मिलेंगी। अगर आपको लगता है कि आपके ग्रह अनुकूल नहीं है तो इसके उपाय आपको बतायें जायेंगे।
नोट- यह लेख दशम भाव के अनुसार है।

ज्योतिषाचार्य पं. पवन डंडरियाल शास्त्री के अनुसार कुंडली में व्यापार या नौकरी को दशम भाव से देखा जाता है। दशम भाव के स्वामी को दशमेश या कर्मेश या कार्येश कहते हैं। इस भाव से यह देखा जाता है कि व्यक्ति सरकारी नौकरी करेगा या प्राइवेट, या व्यापार करेगा तो कौन सा और उसे किस क्षेत्र में अधिक सफलता मिलेगी।

सप्तम भाव साझेदारी का होता है। इसमें मित्र ग्रह हों, तो पार्टनरशिप से लाभ। शत्रु ग्रह हो तो पार्टनरशिप से नुकसान। मित्र ग्रह सूर्य, चंद्र, बुध, गुरु होते हैं। शनि, मंगल, राहु, केतु ये आपस में मित्र होते हैं। सूर्य, बुध, गुरु और शनि दशम भाव के कारक ग्रह हैं। जन्म कुंडली का सबसे महत्वपूर्ण भाव दशम भाव।

दशम स्थान में सूर्य हो- पैतृक व्यवसाय औषधि, ठेकेदारी, सोने का व्यवसाय, वस्त्रों का क्रय-विक्रय आदि से उन्नति होती है। ये जातक प्राय: सरकारी नौकरी में अच्छे पद पर जाते हैं।’
चन्द्र होने पर- जातक मातृ कुल का व्यवसाय या माता के धन से आभूषण, मोती, खेती, वस्त्र आदि व्यवसाय करता है।
मंगल होने पर -भाइयों के साथ पार्टनरशिप, बिजली के उपकरण, अस्त्र-शस्त्र, आतिशबाजी, वकालत, फौजदारी में व्यवसाय लाभ देता है। ये व्यक्ति सेना, पुलिस में भी सफल होते हैं।’
बुध होने पर- मित्रों के साथ व्यवसाय लाभ देता है। लेखक, कवि, ज्योतिषी, पुरोहित, चित्रकला, भाषणकला संबंधी कार्य में लाभ होता है।
बृहस्पति होने पर-भाई-बहनों के साथ व्यवसाय में लाभ, इतिहासकार, प्रोफेसर, धर्मोपदेशक, जज, व्याख्यानकर्ता आदि कार्यों में लाभ होता है।
शुक्र होने पर- पत्नी से धन लाभ, व्यवसाय में सहयोग। जौहरी का कार्य, भोजन, होटल संबंधी कार्य, आभूषण, पुष्प विक्रय आदि कामों में लाभ होता है।
शनि- शनि अगर दसवें भाव में स्वग्रही यानी अपनी ही राशि का हो तो 36वें साल के बाद फायदा होता है। ऐसे जातक अधिकांश नौकरी ही करते हैं। अधिकतर सिविल या मैकेनिकल इंजीनियरिंग में जाते है। लेकिन अगर दूसरी राशि या शत्रु राशि का हो तो बेहद तकलीफों के बाद सफलता मिलती है।
राहू-अचानक लॉटरी से, सट्‍टे से या शेयर से व्यक्ति को लाभ मिलता है। ऐसे जातक राजनीति में विशेष रूप सफल रहते हैं।
केतु- केतु की दशम में स्थिति संदिग्ध मानी जाती है किंतु अगर साथ में अच्छे ग्रह हो तो उसी ग्रह के अनुसार फल मिलता है लेकिन अकेला होने या पाप प्रभाव में होने पर के‍तु व्यक्ति को करियर के क्षेत्र में डूबो देता है।

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कुंडली में योग और आपका करियर-कुंडली में योग और आपका करियर करियर निर्धारण में सबसे प्रमुख चीज है सही विषय का चुनाव। बच्चे की जिस विषय में च्वाइंस, आट्र्स या कॉमर्स, सबसे ज्यादा रूचि होगी, उसी में वह अपनी प्रतिभा का सही प्रदर्शन कर सकेगा और उसका करियर भी उज्ज्वल होगा। दूसरा तरीका है किसी विशेषज्ञ की सलाह लें। यदि आप चाहें तो ज्योतिष की सहायता से भी करियर निर्धारण में सहायता ले सकते हैं। करियर निर्धारण में जन्म कुंडली से दशम भाव एवं दशमेश, दशमेश की नवांश राशि का स्वामी ग्रह और कुंडली में बनने वाले अन्य योगों से करियर निर्धारण में मदद मिलती है।

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इंजीनियर बनने के योग-ज्योतिषशास्त्र में सूर्य, मंगल, शनि व राहु-केतु को पाप ग्रह माना है, किंतु पंचम भाव या पंचमेश से संबंध करने पर ये ग्रह जातक की तकनीकी क्षमता बढ़ा देते हैं। दशम भाव या दशमेश से मंगल, शनि, राहु-केतु का संबंध होने पर जातक को तकनीकी क्षेत्र में आजीविका मिलती है। अर्थात वह इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफल होता है।

डॉक्टर बनने के योग-सूर्य स्वास्थ्य का कारक माना गया है। मंगल भुजबल, उत्साह व कार्य शक्ति का कारक है। गुरू ज्ञान और सुख का। इसलिए सूर्य, मंगल व गुरू यदि जन्म कुंडली में बली हों, तो व्यक्ति कुशल चिकित्सक बनता है।

वकील या न्यायाधीश बनने के योग- नवम भाव द्वारा धर्म, नीति-नियम व न्याय प्रियता का तथा षष्ठ भाव से कोर्ट कचहरी संबंधी विवादों का विचार किया जाता है। दशमेश का नवम या षष्ठ भाव से संबंध होने पर व्यक्ति वकील बनता है। दंड व सुख का कारक शनि, यदि दशम भाव में उच्चस्थ हो अथवा गुरू उच्चस्थ या स्वक्षेत्री होकर, दशम भाव या दशमेश से दृष्टि-युति संबंध करें, तो जातक वकील या जज बनता है।

उद्योगपति व व्यवसायी बनने के योग-सूर्य चंद्र व मंगल इस वर्ग के महत्त्वपूर्ण कारक ग्रह हैं। व्यापार का कारक बुध को माना गया है। कुंडली में प्रबल धन योग जातक को कुशल व्यवसायी या उद्योगपति के रूप में प्रतिष्ठित कर उसे धनी बनाता है।

सेना या पुलिस अधिकारी बनने के योग-मंगल को बल, पराक्रम व साहस का प्रतीक माना है। कुंडली में मंगल बली होने पर जातक को सेना या पुलिस में करियर प्राप्त कराता है। दशमेश या दशमेश का नियंत्रक मंगल जातक को सेना या पुलिस में आजीविका दिलाता है और उसका करियर सफल रहता है।

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सीए बनने के योग-बुध का संबंध व्यापारिक खातों से तथा गुरू का संबंध उच्च शिक्षा, परामर्श एवं मंत्रणा से है। बुध व गुरू का बली होकर दशम भाव से संबंध करना जातक को लेखाकर (सीए) बनाता है। द्वितीय भाव का संबंध वित्त व वित्तीय प्रबंध से है। बुध का संबंध द्वितीय पंचम अथवा दशम भाव से हो तो चार्टर्ड एकाउंटेंट बनाता है।

बैंक अधिकारी-कुंडली में यदि बुध, गुरू व द्वितीयेश का दृष्टि-युति संबंध दशम भाव या दशमेश से हो, तो जातक बैंक अधिकारी, वित्त प्रबंधक या लेखाकार बनता है। गुरू मत्रणा का नैसर्गिक कारक ग्रह यदि दशम भाव, पंचम भाव, बुध या द्वितीय भाव से संबंध करें, तब भी जातक लेखाकार बनकर धन व मान-प्रतिष्ठा पाता है।

लेक्चरार या प्रोफेसर बनने के योग-पंचमेश व चतुर्थेश का राशि परिवर्तन, दशमेश शुक्र का लाभस्थ होकर पंचम भाव को देखना तथा पंचमेश गुरू की दशम भाव पर दृष्टि, शिक्षा के क्षेत्र से आजीविका का योग बनाती है। दशमेश का संबंध बुध व गुरू से होने पर जातक लेक्चरार बनता है।

अगर आप भी अपनी कुंडली बनवाना चाहते है या अपनी कुंडली का अध्ययन करवाना चाहते है तो इसके लिए आप नैनीताल रोड हल्द्वानी दुर्गासिटी सेंटर निकट एयरटेल ऑफिस के पास प्रत्येक दिन प्रात: 10 बजे से रात 8 बजे तक उनसे मिल सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप उनके मोबाइल 7500856980 पर संपर्क कर सकते है।

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जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।