IPL 2025: माही आ रहा, माही जा रहा, थाला रे थाला आखिर रन कब बनाला

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IPL 2025: एक समय था जब माही की एंट्री मतलब गेंदबाज़ों की छुट्टी और दर्शकों की दीवाली। अब वो समय है जब माही की एंट्री मतलब—”चलो, बाथरूम ब्रेक ले आते हैं, ज़्यादा देर टिकेगा नहीं।” सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है—“माही आ रहा, माही जा रहा, थाला रे थाला, आखिर कब रन बनाला?” और यकीन मानिए, यह सिर्फ कविता नहीं, पूरे क्रिकेट प्रेमियों की भावना बन चुकी है।

धोनी की वर्तमान बल्लेबाज़ी फॉर्म ऐसी है जैसे पुराने जमाने का रेडियो—कभी चलता है, कभी नहीं। एक रन बनाकर पवेलियन लौटते माही को देखकर अब फैंस भी गिनती भूल जाते हैं कि वो मैदान में बैटिंग करने आए थे या बस टहलने। कमेंटेटर भी असमंजस में हैं—”क्या बोले? महान खिलाड़ी की महान चुप्पी?”

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माही के बल्ले से अब ज़्यादा रन नहीं, बल्कि भावनाएं निकलती हैं। फैंस की आंखों में आँसू और विपक्षी टीम की आंखों में मुस्कान। बल्लेबाज़ी में वो ‘हेलिकॉप्टर शॉट’ अब इतिहास बन गया है, और नई इनिंग्स में वो ‘डॉट शॉट’ बन गया है। पहले माही के छक्के स्टेडियम के बाहर जाते थे, अब उनकी उम्मीदें भी अंदर ही रह जाती हैं।

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सोशल मीडिया पर लोग सलाहकार बन बैठे हैं—“थाला अब आराम कर लो, IPL तुम्हारे बिना भी चल जाएगा।” किसी ने लिखा—“अब माही सिर्फ जर्सी नंबर में 7 है, रन बनाने में नहीं।” कुछ तो ये तक कह रहे हैं कि धोनी की बैटिंग अब रील बनाने लायक भी नहीं रही।

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लेकिन थाला को फर्क कहां पड़ता है? वो मैदान में आते हैं, लोगों की तालियां सुनते हैं, और फिर बैट घुमा कर दो-तीन डॉट खेलते हैं। फिर एक रन बनाकर सम्मानपूर्वक लौट जाते हैं—मानो कह रहे हों, “अब भीड़ तो जुट गई न? अब रन की क्या ज़रूरत!”

धोनी अब बल्लेबाज़ नहीं, भावना बन चुके हैं। रन आएं न आएं, चर्चा तो खूब होती है। शायद यही उनकी सबसे बड़ी ‘फिनिशिंग’ है—शब्दों में छा जाना, स्कोरबोर्ड में नहीं।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।