हल्द्वानी: गोपुली सटके लिगो चोरा… पर थिरके दर्शक, उत्तराखंड महोत्सव में लोकगायक रमेश बाबू ने बांधा समा….

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HALDWANI NEWS: शीशमहल रामलीला मैदान में उत्तराखंड महोत्सव के कार्यक्रम में देर रात तक लोकगायकों ने समद्म बांध दिया। इसके अलावा रंगारंग कार्यक्रमों ने लोगों को दिल जीत लिया। उत्तराखंड के सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी के सुपुत्र सुपरस्टार लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने अपने सुरों में लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया। पूर्व सीएम हरीश रावत ने मंच पर उतरकर दमाऊ बजाया। हरदा हर बार की तरह अलग अंदाज में नजर आए।

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इसके बाद आये कलाकारों में लोक गायिका माया उपाध्याय, गायक बिशन सिंह हरियाला ने कई कुमाऊंनी गीत गाये। मंच पर आते ही सुपरस्टार लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने दर्शकों में जोश भरते हुए गोपुली चायखाना बयाला लै रियू नौ बिसी ने नौ ओड़ा गीत से अपने पिता स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी की पुरानी यादें ताजा कर दी। उनके इस गीत पर पूर्व सीएम हरीश रावत भी झूम उठे। वहीं लोग मंच के आसपास जमकर थिरके। एक ओर जहां लोकगायक रमेश बाबू ने अपने पिता स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी की यादें ताजा की, वही दूसरी ओर पुराने गीतों को नये अंदाज में गाकर दर्शकों का दिल जीत लिया।

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रमेश बाबू ने गोपुली के अलावा कमला की भोई, तिलगा तेरी लंबी लटि गाकर दर्शकों को जमकर थिरकाया। रमेश बाबू के फैंस लगातार उनके साथ सेल्फी लेते नजर आये। रमेश बाबू गोस्वामी ने अपने पिता स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी की विरासत को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखंड के संगीत को एक नये मुकाम पर पहुंचाया है। इससे पहले चम्पावत के छोलिया दल ने ढोल-दमाऊ व मशकबीन की धुन से लोगों का दिल जीता आयोजक निर्मला जोशी ने अतिथियों स्वागत किया। पूर्व सीएम हरीश रावत ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।