हल्द्वानीः घुगुती जागर को मिला शोभना सम्मान 2025, कला और संस्कृति के क्षेत्र में मिली पहचान

Haldwani News: गांधी शांति प्रतिष्ठान, दिल्ली में 27 अप्रैल 2025 को आयोजित शोभना सम्मान समारोह में उत्तराखंड की प्रतिष्ठित टीम घुगुती जागर को कला, बोली, भाषा, लेखन और गीत-संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए “शोभना सम्मान 2025” प्रदान किया गया।
यह सम्मान समारोह दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान (आई.टी.ओ., निकट तिलक ब्रिज) में भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में देश भर से विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय योगदान देने वाली प्रतिभाओं को शोभना सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया।

समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार हरिशंकर राढ़ी और समाजसेवक अनिल शेखावत उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. दीपक पांडेय, सहायक निदेशक, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, रहे, जबकि अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं आलोचक डॉ. रमेश तिवारी ने की। समारोह का संचालन सुप्रसिद्ध साहित्यकार सुमित प्रताप सिंह ने किया। कार्यक्रम के दौरान साहित्यकार सुमित प्रताप सिंह के व्यंग्य संग्रह ‘भैंसिया संग सेल्फी’ का भी लोकार्पण किया गया, जिसने समारोह को और भी विशेष बना दिया।
ज्ञात हो कि शोभना वेलफेयर सोसाइटी पिछले एक दशक से अधिक समय से शोभना सम्मान का आयोजन कर रही है, जो विभिन्न रचनात्मक और सामाजिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली प्रतिभाओं को पहचान और सम्मान प्रदान करती है। टीम घुगुती जागर को इस सम्मान से नवाजे जाने से उत्तराखंड के सांस्कृतिक क्षेत्र में एक नया उत्साह और गौरव जुड़ा है।
उत्तराखंड की लोकसंस्कृति और साहित्य को नई पहचान दिलाने वाली टीम घुगुती जागर को अपने गीत, संगीत और लेखन के माध्यम से पहाड़ी संस्कृति के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए देशभर में सराहा जा रहा है। वर्ष 2018 से सक्रिय यह टीम अब एक प्रतिष्ठित सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है।
टीम घुगुती जागर में मुख्य रूप से तीन सदस्य शामिल हैं — राजेंद्र ढैला (कवि, लेखक, गीतकार व गायक), राजेंद्र प्रसाद (गायक) और गिरीश शर्मा (कैमरामैन एवं एडिटर)। यह तिकड़ी फेसबुक लाइव के जरिये पहाड़ की सुंदर वादियों से गीत-संगीत प्रस्तुत कर लोगों का न केवल मनोरंजन कर रही है, बल्कि अपनी बोली, भाषा और परंपराओं को भी जीवित रख रही है।
टीम द्वारा प्रस्तुत गीत केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि फैशन, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, मतदान जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण जैसे समसामयिक मुद्दों को भी उजागर करते हैं। उनके गीतों ने उत्तराखंड सहित देशभर में श्रोताओं का ध्यान आकर्षित किया है।
टीम घुगुती जागर के कुछ प्रमुख गीतों में शामिल हैं:
- ऐगै ऋतु रैणा (भिटोली गीत)
- मैं एक पहाड़ी छुं – पहाड़ ल्याड़ रयूं
- माया ल्हैगै भाबरा
- यो डाना का पारा
- गैली माया
- जाली रूमाला
- बाना घसेरी
- रंग बिरंगी चहा
- भाई बंधू रे
- सरू झोड़ा
- न्योली छपेली
- होली गीत
- किताब कौतिक अभियान के लिए आमंत्रण गीत
टीम घुगुती जागर के गीत यूट्यूब चैनल “Ghuguti Jagar Team” और फेसबुक पेज “Team Ghuguti Jagar” पर उपलब्ध हैं, जहां लाखों लोग इनके प्रयासों से जुड़कर उत्तराखंडी संस्कृति से सराबोर हो रहे हैं, टीम ने अपने लोकसंस्कृति प्रेम और सामाजिक सरोकारों के कारण अलग पहचान बनाई है और आज यह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है











