हल्द्वानीः प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. लक्ष्मण बिष्ट बटरोही के साहित्य पर हुई चर्चा
Haldwani News: कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष और प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. लक्ष्मण सिंह बिष्ट बटरोही के साहित्य पर केंद्रित आयोजन हरगोविंद सुयाल सरस्वती विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज कुसुमखेडा में आयोजित किया गया। क्रिएटिव उत्तराखंड और समय साक्ष्य द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डॉ भूपेंद्र बिष्ट, प्रो सिद्धेश्वर, डॉ दिनेश कर्नाटक, डॉ प्रीति आर्या ने बटरोही के साहित्य पर चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन अमृता पांडे द्वारा किया गया। इस अवसर पर लेखन के छह दशक पूर्ण कर चुके बटरोही का नागरिक अभिनंदन भी किया गया।
डॉ भूपेंद्र बिष्ट ने कहा कि बटरोही जी ने साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को सींचा है। उन्होंने कहा कि बटरोही ने भारत से लेकर बुडापेस्ट तक हिंदी पढ़ाई है। आज उनके विधार्थी विश्व भर में हिंदी का परचम लहरा रहे हैं। डॉ दिनेश कर्नाटक ने कहा कि बटरोही जी ने ग्राम कथा के संदर्भ में नये प्रतिमान स्थापित किये हैं। उन्होंने कहा कि बटरोही की कथा में इतिहास, लोक और वर्तमान का बेजोड़ संगम देखने को मिलता है।
डॉ प्रीति आर्या ने कहा कि बटरोही एक बड़े लेखक और सहृदय व्यक्ति हैं। उन्होंने पहाड़ में स्त्री और निम्न वर्ग की स्थितियों का सजीव चित्रण किया है। डॉ प्रीति आर्या ने कहा कि पूरा यूरोप घूम आने के बाद भी बटरोही अपने लेखन में लौटकर पहाडों में आते हैं। उन्होंने आलोचना की भी अनेक महत्वपूर्ण किताबें लिखी हैं। उनका शिल्प और शैली बेजोड़ है। प्रो सिद्धेश्वर ने कहा कि मुझे हिंदी में प्रो बटरोही ने ही प्रवेश दिया था। उन्होंने कहा कि बटरोही सदैव छात्रों का ख्याल रखने वाले शिक्षक रहे हैं। उन्होंने कहा कि बटरोही जी अपनी कहानियों को लिखने के बाद अपने विधार्थियों को सुनाते थे और उनकी राय का स्वागत करते थे।
इस अवसर पर भास्कर उप्रेती ने बटरोही का साक्ष्यात्कार भी किया। बटरोही ने कहा कि मैंने अपनी कथाओं में गांव के समाज को प्रमुखता दी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण जीवन का बदलता स्वरूप और विकास की आधुनिक अवधारणा भी मेरे विषय रहे हैं। उन्होंने अपनी कृतियों महर ठाकुरों का गांव, थोकदार किसी की नहीं सुनता, हम तीन थोकदार आदि के प्रसंग भी सुनाए। इस अवसर पर प्रयाग जोशी, जगदीश जोशी, प्रभात उप्रेती, हेम पन्त, दयाल पांडे, हिमांशु पाठक, प्रवीन कुमार भट्ट, बीना तिवारी, मदन मोहन कंडवाल,प्रो अनिल जोशी, दीपा गोबाडी, उमेश तिवारी, भूपेन सिंह, त्रिभुवन बिष्ट, नरेंद्र सिज्वाली, दिनेश पंत, मोहित जोशी, जगमोहन रौतेला आदि मौजूद रहे।