हल्द्वानी: कमिश्नर दीपक रावत ने फरियादियों को दिलाई राहत, अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश

HALDWANI NEWS: हल्द्वानी कैंप कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान कमिश्नर/सचिव, ० मुख्यमंत्री दीपक रावत ने भूमि विवाद, धोखाधड़ी, अवैध निर्माण और टीसी संबंधी समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कई मामलों का मौके पर ही समाधान किया। बड़ी संख्या में उपस्थित फरियादियों ने अपनी-अपनी समस्याएँ रखीं, जिन पर कमिश्नर ने गंभीरता से सुनवाई की।
2014 के 7 बीघा भूमि विवाद का समाधान
सितारगंज नानकमत्ता निवासी रोशनी जन्तवाल ने वर्ष 2014 में आलम सिंह से 7 बीघा भूमि खरीदी थी। लगभग 11 वर्ष बाद पता चला कि उन्हें दिखाई गई भूमि से अलग खाते की रजिस्ट्री की गई। पिछले जनसुनवाई में दिये गए निर्देशों के अनुसार दोनों पक्षों को तलब किया गया, जिसके बाद मामला सुलझा। समाधान पर रोशनी जन्तवाल ने कमिश्नर का आभार व्यक्त किया।
भूमि कब्जे न मिलने पर त्वरित निर्देश
छाया नेगी व जीवंती नेगी ने शिकायत की कि हिम्मतपुर तल्ला में प्रॉपर्टी डीलर ने भूमि बेच दी, पर कब्जा नहीं दिया। कमिश्नर ने दोनों पक्षों को सुनकर पटवारी को जमीन की पैमाइश कराकर वास्तविक भूमि पर कब्जा दिलाने के निर्देश दिए।
कपरार क्षेत्र के पाँच पीड़ितों को राहत
अनुराधा सहित पाँच व्यक्तियों ने बताया कि वर्ष 2005 में भूमि खरीदने के बावजूद बिल्डर ने पेयजल, सड़क व बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई। कुछ को अपनी जमीन का पता भी नहीं। इस पर कमिश्नर ने तत्काल निरीक्षण कर सभी को उनकी वास्तविक भूमि पर कब्जा दिलाने और एग्रीमेंट का 100% अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
धन हड़पने, भूमि फर्जीवाड़े व अन्य शिकायतों पर कार्रवाई
महेन्द्र सिंह, जितेंद्र सिंह, ठाकुर चंद्र सहित कई लोगों ने धन हड़पने और भूमि विवाद की शिकायतें रखीं। अधिकांश मामलों में मौके पर ही समाधान किया गया, शेष मामलों के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए।
कमिश्नर दीपक रावत की जनता से अपील
कमिश्नर ने कहा कि भूमि से जुड़े फर्जीवाड़े तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए नागरिक अत्यंत सतर्कता बरतें। उन्होंने जमीन खरीदने के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं की अनिवार्य जांच करने की अपील की—
- भूमि का रिकॉर्ड राजस्व विभाग/भूलेख पोर्टल से अवश्य मिलान करें।
- खतौनी, खसरा, नक्शा व स्वामित्व अभिलेख आधिकारिक स्रोत से सत्यापित करें।
- विक्रेता की पहचान एवं उसकी स्वामित्व स्थिति की पुष्टि करें।
- भूमि पर किसी विवाद, अदालत की रोक या बंधक की स्थिति न हो—यह जांचें।
- दलालों पर निर्भर न रहें, मूल दस्तावेज स्वयं देखें।
- रजिस्ट्री से पूर्व भूमि की पैमाइश और मौके का निरीक्षण अवश्य कराएं।
कमिश्नर रावत ने कहा कि संदेह होने पर तुरंत तहसील, राजस्व विभाग या पुलिस से संपर्क करें और धोखाधड़ी की आशंका पर शिकायत अवश्य दर्ज कराएं। उन्होंने जनता से अपील की कि बिना पूरी जांच किए किसी भी भूमि लेन-देन में जल्दबाजी न करें, ताकि आर्थिक नुकसान और कानूनी जटिलताओं से बचा जा सके।















