नैनीताल: फ्री होल्ड प्रक्रिया पर उठा विवाद, भूमिधारकों को मिले भारी-भरकम नोटिस से नाराज़गी

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हल्द्वानी। नैनीताल जिले में नजूल भूमि की फ्री होल्ड प्रक्रिया एक बार फिर विवादों में घिर गई है। हल्द्वानी महापौर गजराज सिंह बिष्ट के साथ सिख संगत ने इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2009 में फ्री होल्ड पॉलिसी लागू की थी, जिस पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के पश्चात शासन ने 11 दिसंबर 2021 को नई नजूल नीति (संख्या 880/V 1/2021 28 एन.एल.) लागू की। इस नीति का उद्देश्य नजूल भूमि धारकों को राहत प्रदान करना था और इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया गया।

लेकिन अब जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से भूमिधारकों को भारी-भरकम नोटिस जारी किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इन नोटिसों का कारण आवेदन तिथि के सर्किल रेट और 2021 नीति में निर्धारित आधार दरों के बीच अंतर है।

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भूमिधारकों का कहना है कि 2021 की नजूल नीति के प्रथम पृष्ठ पर साफ उल्लेख है कि समय-समय पर संशोधन करते हुए नजूल भूमि को फ्री होल्ड करने की दर दिनांक 10.03.2003 के पश्चात से वर्तमान तक, सर्किल रेट दिनांक 09.11.2000 के आधार पर निर्धारित की जाएगी।

उनका आरोप है कि इस प्रावधान को पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए ही अतिरिक्त राशि के नोटिस थमाए जा रहे हैं। खास बात यह है कि ये नोटिस केवल नैनीताल जनपद में ही भेजे गए हैं, जिससे आमजन में गहरा भ्रम और आक्रोश है।

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स्थानीय लोगों ने शासन से मांग की है कि इस विषय पर शीघ्र स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, ताकि नजूल भूमि धारकों को राहत मिल सके और उन्हें अनावश्यक आर्थिक बोझ से बचाया जा सके।

इस दौरान प्रदेश संयोजक गुरमीत सिंह चंडोक, उद्योग व्यापार मंडल प्रदेश उपाध्यक्ष सरप्रीत सिंह कोहली, दीपेश जोशी, महेश कुमार पांगती, शरद अग्रवाल और मनप्रीत विज मौजूद रहे।

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पहाड़ प्रभात डैस्क

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।