उत्तराखंडः पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा, बंदरों को खिलाया गया था जहर…

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Dehradun News: बंदरों के साथ क्रूरता का सनसनीखेज मामला सामने आया है। विगत दिनों मनी माई मंदिर के जंगल में दर्जन भर से ज्यादा बंदर मृत मिले थे। जिसके बाद बंदरों के शवों को कब्जे में लिया गया। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी थी। अब बंदरों की मौत की वजह सामने आने के साथ ही आरोपी द्वारा बेजुबानों के साथ की गई क्रूरता भी दिखाई दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। बंदरों को जहर कहीं और दिया गया है। किसी वाहन में लादकर बंदरों को यहां डाल दिया गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद हाइवे के सीसीटीवी फुटेज चेक करना शुरू कर दिया है। पूरी खबर आगे पढ़े…

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गौरतलब है कि लच्छीवाला रेंज के मणिमाई मंदिर के पास 15 बंदर मृत पाए गए थे। जबकि, एक बंदर तड़प रहा था। लोगों की सूचना पर वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। देखा कि कुछ बंदरों के नाक और मुंह से खून निकल रहा था। रेंजर लच्छीवाला घनानंद उनियाल की तहरीर पर डोईवाला पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था। शुक्रवार को देहरादून चिड़ियाघर से आये डॉ. प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में पशुचिकित्सकों की टीम ने मृत बंदरों का पोस्टमार्टम किया। बंदरों के विसरा को जांच के लिए बरेली भेजा जाएगा। पोस्टमार्टम में जहरीला पदार्थ खाने से मृत्यु होने की पुष्टि हुई। रेंजर घनानंद उनियाल ने बताया आशंका है कि किसी ने बंदरों को जहर दिया और फिर किसी माध्यम से लच्छीवाला रेंज के जंगल में फेंक दिया। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।