उत्तराखंड: कोरोनाकाल में पहाड़ लौटा सोमेश्वर का मनोज, बेकरी शॉप खोल स्वरोजगार को लगाये पंख…
PAHAD PRABHAT EXCLUSIVE: (JEEVAN RAJ)-कोरोनाकाल मेें पहाड़ के हजारों युवा अन्य राज्यों से वापस लौट आये। ऐसे में मन में कुछ करने की लगन से कई युवाओं ने स्वरोजगार को अपना रोजगार का माध्यम बना दिया। इन्हीं में से एक है सोमेश्वर के मनोज सिंह भंडारी। जिन्होंने कोरोनाकाल में पहाड़ लौटकर बेकरी शॉप से स्वरोजगार ने नये पंख लगा दिये। आज पूरे क्षेत्र से उनके पास ग्राहक आ रहे हैं। लोग उनके काम की जमकर तारीफ कर रहे है।
हुनर को बनाया रोजगार का जरिया
मनोज भंडारी बताते है कि कोरोनाकाल से पहले वह हिमाचल में काम करते है। कोरोनाकाल में उनका रोजगार छीन गया, लेकिन वह कहा हार मनाने वाले थे। पहाड़ लौटकर उन्होंने स्वारोजगार की ओर कदम बढ़ाया। बेकरी के काम में मास्टर मनोज ने सोमेश्वर के ढौनीगाड़ में देवभूमि बेकर्स एंव स्वीट शॉप के नाम से अपनी दुकान खोल ली। 15 अगस्त को उन्होंने अपनी दुकान का शुभारंभ किया तो क्षेत्र के लोग उनका हुनर देख दंग रह गये।
मात्र 200 बर्थडे केक शुरू
मनोज भंडारी लोदघाटी में बेकरी का काम करने वाले पहले दुकानदार बन गये। लोगों ने उन्हें सहयोग किया। बस फिर क्या था चल पड़ी मनोज भंडारी की बेकरी शॉप। मनोज की बताते है कि बेकरी में गुणवत्ता का खास ध्यान रखना पड़ता है। गुणवत्ता की ग्राहक को आपके दुकान तक खींच लाती है। तीन साल हिमांचल में काम करने के बाद पहाड़ लौटे मनोज ने बेरोजगार युवाओं को नई राह दिखाई है। उनके यहां बर्थडे केक, पेस्टी, बर्गर, हॉट डॉग, पिज्जा, पेटीज, बिस्कुट, क्रीमरोल, फेन, बंद, मिठाई और आइसक्रीम उपलब्ध है। जिन्हें बनाने में मनोज को महारथ हासिल है। उनके यहां मात्र 200 रूपये से बर्थडे केक शुरू है।
दोनों भाई बने युवाओं के लिए मिशाल
उन्हीं के बगल में उनके भाई चंदन भंडारी ने सीएससी सेंटर खोल एक नई मिसाल पेश की है। चंदन ने पिछले साल सीएससी सेंटर खोला। जिसके बाद अब मनोज ने भी बेकरी शॉप खोल क्षेत्र के युवाओं को नई राह दिखाने की कोशिश की है। दिनभर दोनों भाई साथ-साथ काम करते है। अब एक भाई बेकरी तो दूसरा भाई सीएससी सेंटर चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा है। पहाड़ के युवाओं को मनोज और चंदन जैसे युवाओं से सीखने की जरूरत है। जिन्होंने अपने हुनर को रोजगार का जरिया बनाकर एक नई मिशाल पेश की है।