उत्तराखंड: समान वेतन को लेकर धरने पर डटी डीडीहाट की आशाएं, धामी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल…

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DIDIHAT NEWS: 12 सूत्रीय मांगों को लेकर डीडीहाट मेेंं आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन जारी है। आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार पर उनकी मांगों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। भाकपा माले और जनमंच ने आशाओं के आंदोलन को समर्थन दिया है। उन्होंने सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने की मांग की।

इस दौरा आशाओं ने कहा कि आशाओं के श्रम का शोषण खुद सरकार ही कर रही है, लेकिन अब पानी सर के ऊपर से गुजर गया है। उन्होंने साफ कहा किआशाएँ अब और बधुवा मजदूरी नहीं करेगी। पूरे राज्य की आशाएं एक साथ आदोलन में है और इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी। आपने हक और सम्मान की लड़ाई आशाएँ एकता और सेेंघर्ष के बल पर अवश्य जीतेगी ।

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आशाओं का कहना है कि जब से मोदी सरकार आयी जब तब से अलग-अलग तरह से काम का बोझ बना दिया है। आशाओं को स्वैच्छिक कार्यकर्ता बता दिया जाता है। समान वेतन सरकार नहीं दे रही है। सरकार ने शोषण करने का अद्भुत तरीका खोज निकाला है कि कोविंड से लेकर पाल्स पोलियो, टीकाकरण,मातृ शिशु सुरक्षा, गणना, परिवार नियोजन,मतेरिया ए डेगू की जागरूकता के लिए घर घर जाने तक सारे काम आशाओंं सेे कराया जा रहा है लेकिन वेेतन की बात आते ही सामाजिक कार्यकर्ता ने नाम पर सम्मान देकर टाल रहे है। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

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इस मौके पर अध्यक्ष पिंकी कलौनी, दीपा मनौला, देवकी जोशी, नारायणी चंद, बसंती, कमला देवी , देवकी जोशी, रेखा देेवी, जानकी कन्याल, कमला कन्याल, हीरा देवी, पुष्पा बोरा, नन्दी चौहान, प्रभा बसेड़ा, मुन्नी खड़ायत, प्रतिमा देवी, रंजना डांगा, पार्वती खड़ायत, देवकी खोलिया, भागीरथी, जीवन्ती शाह, किरन देवी, प्रेमा खड़ायत , ममता पंचपाल, हरिप्रिया अवस्थी आदि मौजूद थे।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।