उत्तराखंड: अब पहाड़ में यहां हुई अनोखी शादी, 32 किमी सफर तय कर दुल्हन पहुंची दूल्हे के घर फिर लिए सात फेरे…

Champawat Live News: इस कोरोना वायरस ने क्या-क्या दिखा दिया। लॉकडाउन में एक ओर लोग बाहर निकलने से कतरा रहे है। वहीं कई लोग शादी भी कर रहे है। पहाड़ों में एक से बढक़र एक किस्से सामने आ रहे है। शादी के लिए जब प्रशाासन से परमिशन नहीं मिली तो दुल्हन खुद दूल्हे के घर पहुंच गर्ई। ससुराल पहुंचकर दुल्हन ने दूल्हे के संग सात फेरे लिए। ऐसा पहाड़ों में पहली बार देखने को मिला। बताया जा रहा है कि पहले प्रशासन ने बारात की अनुमति दी थी लेकिन अंतिम समय पर रोक लगा दी गई जिसके बाद परिजनों संग दुल्हन विवाह करने के लिए दूल्हे के घर पहुंच गई।
मामला चम्पावत जिले के ग्राम पुनाबे निवासी युवती शादी करने के लिए करीब 32 किमी दूर स्वाला गांव में पहुंच गई। स्वाला गांव निवासी डुंगर देव ने अपने पुत्र प्रकाश भट्ट की शादी 12 मई को पुनाबे निवासी रमेश बिनवाल की बेटी प्रियंका के साथ तय की। लेकिन इस बीच स्वाला गांव में 47 लोग कोरोना पॉजिटिव निकल गये। जिसके बाद मंगलवार को प्रशासन ने गांव को कंटेनमेंअ जोन बना दिया। कंटेनमेंट जोन बनने के बाद दूल्हे द्वारा ली गई बारात की अनुमति रद्द हो गई। ऐसे में दूल्हा और दुल्हन पक्ष परेशान हो गये। दोनों ओर से शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी थी।

इसके बाद दोनों पक्षों ने प्रशासन विनती कि जिस पर प्रशासन नेे कोविड गाइडलाइन के पालन की शर्त के साथ इस विवाह की अनुमति दी। लेकिन शर्त थी कि दूल्हा बारात लेकर दुल्हन के घर नहीं जायेंगा बल्कि दुल्हन परिजनों संग दूल्हे के घर आयेेंगी। प्रशासन ने दुल्हन समेत चार लोगों को स्वाला जाने की अनुमति दी। दुल्हन प्रियंका चार अन्य लोगों के साथ बुधवार को स्वाला गांव पहुंची। जहां विवाह की रस्में पूरी की गईं। विवाह के लिए दुल्हन प्रियंका, मां भावना देवी, पिता रमेश बिनवाल और पुरोहित रघुवर दत्त स्वाला गांव पहुंचे थे।
विधि-विधान से शादी संपन्न होने के बाद दुल्हन के माता-पिता और पंडित वापस अपने गांव पुनाबे लौट गए। प्रशासन ने तीनों को े होम आइसोलशन में रहने के निर्देश दिए हैं। वहीं दुल्हन प्रियंका अपने ससुराल में ही रहेगी। चम्पावत तहसीलदार ज्योति धपवाल का कहना है कि स्वाला गांव में 47 लोगों के पॉजिटिव आने पर गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया था। कंटेनमेंट जोन से बाहर जाना प्रतिबंधित होता है। ऐसे में वधु पक्ष को वर पक्ष के यहां जाने की अनुमति दी गई जिसके बाद विवाह संपन्न कराया गया।