उत्तराखंडः अपने गीतों से उत्तराखंड की संस्कृति को संवार रहे केबी बथ्याल, “ताल ज्वार माल ज्वार” गीत ने मचाया धमाल

खबर शेयर करें

PAHAD PRABHAT NEWS: उत्तराखंड के संगीत जगत में कई लोकगायकों ने पहाड़ की संस्कृति का संवारने का काम किया है। उसे आज के युवा गायकों ने जारी रखा है। उत्तराखंड के लोकगायकों ने अपने गीतों के माध्यम से समय- समय लोगों को जागरूक करने का काम भी किया है। उन्हीं में से एक गायक केबी बथ्याल है, जो लगातार पहाड़ की संस्कृति को संवारने का काम कर रहे है। इसलिए लोग उनके गीतों को खूब पसंद कर रहे है। उन्होंने हमेशा ही पहाड़ की संस्कृति और खूबसूरती को लेकर गीत गाये और लिखे है। आगे पढ़े…

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानीः (बड़ी खबर)- रामपुर रोड मानपुर पश्चिम वार्ड 56 से भागीरथी बिष्ट जीती

पहाड़ प्रभात से विशेष बातचीत में गायक केबी बथ्याल ने बताया कि उनको बचपन से ही गीत सुनने और गाने का बहुत शौक था। वह लोकगायक फौजी ललित मोहन जोशी के गीतों से काफी प्रभावित हुए। उन्हें जब भी मौका मिलता वह उनके गीत सुनते और फिर गुनगुनाने लगते। धीरे-धीरे उन्होंने गीत लिखना शुरू किया। अब इन्हीं गीतों को गाने की धुन उन सर पर सवार हो गई। आगे पढ़े…

ऐसे में गायक केबी बथ्याल को उनके पहले गीत के लिए उनके बङे भाई राजू बथ्याल का सहयोग मिला तो उन्होंने कभी पिछे मुड़कर नहीं देखा। वर्ष 2018 में आये उनके पलायन पर आधारित गीत किलै छोड़ी पहाड़ को लोगों ने खूब पसंद किया। इसके बाद गायक केबी बथ्याल ने एक से बढ़कर एक गीत लिखे और गाये। उन्होंने मखमली घाघरी, रुपसी हिमा, नथुली की डोर जैसे गीतो को लिखा और गाया है। जिन्हें लोगों ने खूब पसंद किया। आगे पढ़े…

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानीः प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. लक्ष्मण बिष्ट बटरोही के साहित्य पर हुई चर्चा

उत्तराखंड में काफी कम गायक ऐसे है जो खुद के लिखे गीतों को गाते है। केबी बथ्याल एक ऐसे गायक जो खुद ही गीतों को लिखकर गाते है। अब उनका नया गीत “ताल ज्वार माल ज्वार” रिलीज हुआ है। जो उनके यू-टृयूब चैनल KKB MUSIC पर आप सुन सकते है। इस गीत को उन्होंने मुनस्यारी के तल्ला जौहार व मल्ला जौहार के बारे में लिखा है। जिसे वहां के लोगों ने खूब पसंद भी किया। गायक केबी बथ्याल ने बताया कि वह अपने नये गीतों में काम कर रहे है जो गीत जल्द आपको सुनने को मिलेंगे। साथ ही वह न्योली, झोड़ा-चांचरी भी लेकर आ रहे है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।