उत्तराखंडः (बड़ी खबर)-पिथौरागढ़ में पतंजलि घी का सैंपल फेल, कंपनी समेत तीन कारोबारियों पर जुर्माना

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पिथौरागढ़। सीमांत जिले पिथौरागढ़ में पतंजलि आयुर्वेद का घी गुणवत्ता जांच में फेल पाया गया है। खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई के बाद कोर्ट ने कंपनी सहित तीन कारोबारियों पर कुल ₹1,40,000 का जुर्माना लगाया है। यह मामला वर्ष 2020 में लिए गए सैंपल से जुड़ा है। फैसला गुरुवार, 27 नवंबर 2025 को सुनाया गया।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन पिथौरागढ़ के असिस्टेंट कमिश्नर आर.के. शर्मा ने बताया कि पतंजलि गाय घी का नमूना 20 अक्टूबर 2020 को रूटीन चेकिंग के दौरान कासनी स्थित करन जनरल स्टोर से लिया गया था। नमूना पहले रुद्रपुर की राज्य लैब और फिर गाजियाबाद की राष्ट्रीय प्रयोगशाला में जांचा गया। दोनों जगह रिपोर्ट सब-स्टैंडर्ड आई।

अधिकारी के अनुसार, मानकों पर खरा न उतरने के कारण इस घी के उपभोग से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। विभाग ने निर्माता, डिस्ट्रीब्यूटर और विक्रेता तीनों को नोटिस जारी किया था। पतंजलि की ओर से वर्ष 2021 में दोबारा जांच की अपील की गई, जिसके बाद नमूना केंद्रीय लैब भेजा गया। लेकिन वहां भी घी मानकों पर खरा नहीं उतरा।

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खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन ने मामले से जुड़े साक्ष्य न्याय निर्णायक अधिकारी/एडीएम पिथौरागढ़ योगेंद्र सिंह की अदालत में प्रस्तुत किए। करीब 1,348 दिन बाद आए फैसले में कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड (निर्माता) ₹1,00,000, ब्रह्म एजेंसी (डिस्ट्रीब्यूटर) ₹25,000, करन जनरल स्टोर (विक्रेता) ₹15,000 दंड निर्धारित किया।

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कोर्ट ने सभी को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के नियमों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी। मामला सामने आने के बाद उपभोक्ताओं में पतंजलि उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

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पहाड़ प्रभात डैस्क

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।